कानपुर में ट्रैक पर सिलेंडर, 57 दिन में 22वीं घटना:मुजफ्फरपुर में ट्रेन डिरेल; केंद्र रेल एक्ट बदलेगा, देशद्रोह का केस चलेगा
कानपुर में प्रेमपुर स्टेशन के पास JTTN गुड्स ट्रेन को बेपटरी करने की साजिश रची गई। ट्रैक पर एक छोटा सिलेंडर रखा मिला। रविवार सुबह करीब 6 बजे लूप लाइन पर लोको पायलट ने सिलेंडर देखते ही इमरजेंसी ब्रेक लगाकर ट्रेन को सिलेंडर से 10 फीट पहले ही रोक लिया।
देश में ट्रेन को बेपटरी करने की यह 57 दिन में 22वीं कोशिश है। इससे पहले 20 सितंबर को सूरत में रेलवे ट्रैक से छेड़छाड़ की गई थी। इस मामले की जांच NIA को सौंपी गई है। उधर, बिहार के मुजफ्फरपुर जंक्शन में शनिवार रात मुजफ्फरपुर-पुणे स्पेशल ट्रेन का इंजन पटरी से उतर गया। यह दुर्घटना को ट्रेन को सिग्नल मिले बिना आगे बढ़ाने पर हुई।
ट्रेन को बेपटरी करने की बढ़ती कोशिशों को देखते हुए केंद्र सरकार रेलवे एक्ट में संशोधन करने जा रही है। इस बारे में जल्द अधिसूचना जारी हाे सकती है। इसके तहत हादसे की साजिश करने पर देशद्रोह का केस दर्ज किया जाकेगा। साथ ही उम्र कैद से मृत्यु दंड तक की सजा का प्रावधान होगा।
कानपुर के प्रेमपुर स्टेशन पर सिलेंडर रखे होने की सूचना मिलते ही रेलवे के सीनियर अफसर, आरपीएफ, जीआरपी और पुलिस के अधिकारी मौके पर पहुंचे। अफसरों ने बताया कि मालगाड़ी कानपुर से प्रयागराज जा रही थी। ट्रैक पर रखा 5 किलो का सिलेंडर खाली थी। यूपी में 38 दिनों में ट्रेन पलटाने की यह 5वीं साजिश है। इससे पहले कानपुर में ही 8 सितंबर को भरा सिलेंडर रखकर कालिंदी एक्सप्रेस को डिरेल करने की साजिश रची गई थी।
मुजफ्फरपुर-पुणे स्पेशल ट्रेन के इंजन के 6 पहिये बेपटरी हुए थे। डिरेल हुआ इंजन पुणे-मुजफ्फरपुर स्पेशल ट्रेन के साथ आया था। इंजन को प्लेटफार्म 4 से मुजफ्फरपुर-पुणे स्पेशल ट्रेन से जोड़ना था। इसी दाैरान भागलपुर-मुजफ्फरपुर इंटरसिटी जंक्शन पर आ रही थी। इस कारण इंजन काे सिग्नल नहीं दिया गया और बिना सिग्नल के इसे आगे बढ़ाया गया।
रेलवे एक्ट के मौजूदा प्रावधानों में रेलवे अधिनियम-1989 की धारा 151 के तहत रेल हादसे की साजिश सिद्ध होने पर अधिकतम 10 साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान है। अब इस अधिनियम में उपधारा जोड़कर इसे देशद्रोह की श्रेणी में लाने की तैयारी है।
गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक रेल, पटरियों पर अवरोधक रखना हादसे की साजिश है। इससे यदि हादसा होता है और जानमाल का नुकसान होता है, तो आरोपी के खिलाफ सामूहिक हत्या की धारा भी लग सकती है।
इसके तहत उम्रकैद से मृत्युदंड तक का प्रावधान हो सकता है। इसे लेकर कानूनी सलाह मशविरा किया जा रहा है। जल्द ही इस बारे में नए प्रावधान अधिसूचित हो सकते हैं। सूत्रों ने बताया, धरना-प्रदर्शन आदि के जरिए रेल यातायात प्रभावित करने पर नए परिवर्तित नियम प्रभावी नहीं होंगे।
रेलवे बोर्ड के एक अधिकारी बताया, पटरी पर अवरोधक रखने की साजिश से निपटने के लिए चुनिंदा यात्री ट्रेनों को संवेदनशील इलाके से गुजारने से पहले पायलट लोको चलाया जाता है। इसके साथ ही रेल ट्रैक पर पुलिस और गैंगमैन का निरीक्षण बढ़ाया गया है।
रेलवे आने वाले दिनों में संवेदनशील जगहों पर कैमरे लगाने की तैयारी में है। रेल इंजन पर भी कैमरे लगाने की योजना है, जिससे रीयल टाइम मॉनिटरिंग हो सके। ऐसे में पटरी पर अवरोध होने की स्थिति में चालक ट्रेन को पहले ही रोक सकेंगे।