कैबिनेट बैठक : 70+ वर्ष आयु वालों को आयुष्मान योजना में कवरेज, में 62,500 किमी सड़क निर्माण,मिशन मौसम’ को मंजूरी, पढ़ें बड़े एलान
केंद्र सरकार ने बुधवार को वरिष्ठ नागरिकों के लिए एक बड़ी घोषणा की है। सरकार ने कहा कि अब 70 वर्ष से ऊपर के वरिष्ठ नागरिकों को ‘आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना’ के तहत बीमा कवर दिया जाएगा।योजना के तहत कवर होंगे करीब 4.5 करोड़ परिवार
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इस योजना के तहत करीब 4.5 करोड़ परिवारों को कवर किया जाएगा। जिनमें छह करोड़ वरिष्ठ नागरिक शामिल हैं। आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत 70 साल और उससे ऊपर के वरिष्ठ नागरिकों नया कार्ड जारी करेगी। योजना के तहत, जिन वरिष्ठ नागरिकों की उम्र 70 साल या उससे अधिक है और जो पहले से ही योजना के तहत कवर किए गए परिवारों से हैं, उन्हें प्रति वर्ष पांच लाख रुपये तक का अतिरिक्त बीमा कवर मिलेगा। यह अतिरिक्त बीमा कवर 70 साल से कम आयु के नागरिकों पर लागू नहीं होगासबसे गरीब 40 फीसदी लोगों को 10 लाख का बीमा कवर
आयुष्मान भारत दुनिया की सबसे बड़ी बीमा योजना है। इसके तहत अभी सबसे गरीब 40 फीसदी लोगों को सालाना पांच लाख तक का कवर प्रदान किया जाता है। अब यह योजना न केवल 70 साल या उससे अधिक उम्र के नागरिकों को कवर करेगी। बल्कि गरीब मरीजों का कवरेज 10 लाख रुपये तक बढ़ाएगी। केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने बताया कि पांच लाख का बीमा कवरेज एख ही परिवार में वरिष्ठ नागरिकों के बीच साझा किया जाएगा। यदि एक परिवार में दो वरिष्ठ नागरिक हैं, तो पांच लाख लाख कवरेज दोनों के बीच बांटा जाएगा।उन्होंने कहा कि जो लोग पहले से ही सरकारी योजनाओं जैसे सीजीएचएस, ईसीआईसी के तहत कवर किए गए हैं, वे या तो अपनी मौजूदा योजना को जारी रखते हैं या आयुष्मान भारत योजना में स्विच कर सकते हैं। यह योजना जल्द लागू की जाएगी और वरिष्ठ नागरिकों से पंजीकरण के लिए अनुरोध किया जाएगा।हमारी सरकार उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि उनकी सरकार हर भारतीय के लिए किफायती और उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उनका यह बयान केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत 70 वर्ष और इससे अधिक आयु के सभी लोगों के लिए स्वास्थ्य कवरेज को मंजूरी दिए जाने के बाद आया।
मोदी ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘हम हर भारतीय के लिए सुलभ, किफायती और उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस संदर्भ में, मंत्रिमंडल ने आज 70 वर्ष से अधिक आयु के सभी नागरिकों को स्वास्थ्य कवरेज प्रदान करने के लिए आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के दायरे का और विस्तार करने का निर्णय लिया है।’’
उन्होंने यह भी कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ई-ड्राइव योजना, जिसे मंत्रिमंडल ने मंजूरी दे दी है, हरित गतिशीलता को बढ़ावा देगी और हमें एक टिकाऊ भविष्य बनाने में मदद करेगी।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि पीएम-ई-बस सेवा-भुगतान सुरक्षा तंत्र (पीएसएम) योजना से इस क्षेत्र में अधिक भागीदारी को बढ़ावा मिलेगा तथा स्थिरता को प्रोत्साहन मिलेगा।
62,500 किलोमीटर सड़कों के निर्माण को मंजूरी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज वित्त वर्ष 2024-25 से 2028-29 के दौरान प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के चौथे चरण के क्रियान्वयन के लिए ग्रामीण विकास विभाग के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि 25,000 बस्तियों को नई ‘कनेक्टिविटी’ प्रदान करने के लिए 62,500 किलोमीटर सड़कों के निर्माण और नई संपर्क सड़कों पर पुलों के निर्माण व उन्नयन के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के चौथे चरण को वित्तीय वर्ष 2024-25 से 2028-29 तक के लिए 70,125 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ शुरू किया गया है, जिसमें केंद्र की भागीदारी 49,087.50 करोड़ रुपये और राज्य का हिस्सा 21,037.50 करोड़ रुपये होगा।
इस योजना के अंतर्गत, जनगणना 2011 के अनुसार मैदानी क्षेत्रों में 500 से अधिक, पूर्वोत्तर एवं पहाड़ी राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों एवं विशेष श्रेणी क्षेत्रों में 250 से अधिक तथा वाम उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) प्रभावित जिलों में 100 से अधिक आबादी वाली 25,000 ऐसी बस्तियों को कवर किया जाएगा, जो सीधे तौर से सड़क संपर्क से नहीं जुड़ी हैं। बयान में कहा गया है कि 62,500 किलोमीटर लंबी सड़कों के जरिये ऐसी बस्तियों को जोड़ा जाएगा, जो सीधे तौर से सड़क संपर्क से नहीं जुड़ी हैं और ये सड़कें सभी मौसम के अनुकूल होंगी।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘मिशन मौसम’ को मंजूरी दी
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को ‘‘मिशन मौसम’’ को मंजूरी दे दी। इस मिशन का उद्देश्य मौसम की चरम घटनाओं और जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का अनुमान लगाने और उनसे निपटने की देश की क्षमता को बढ़ाना है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने ‘‘मिशन मौसम’’ को मंजूरी देने का फैसला किया।
दो वर्षों के लिए 2,000 करोड़ रुपये के बजट वाले इस मिशन को मुख्य रूप से पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तहत तीन प्रमुख संस्थानों – भारतीय मौसम विज्ञान विभाग, भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान और राष्ट्रीय मध्यम अवधि मौसम पूर्वानुमान केंद्र द्वारा कार्यान्वित किया जायेगा। इस मिशन के अंतर्गत भारत के मौसम और जलवायु-संबंधी विज्ञान, अनुसंधान एवं सेवाओं को जबरदस्त प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए एक बहुआयामी और परिवर्तनकारी पहल होने की परिकल्पना की गई है। इसमें मानसून, वायु गुणवत्ता, मौसम की चरम घटनाओं, चक्रवातों और कोहरे, ओलावृष्टि और बारिश के प्रबंधन के लिए मौसम संबंधी उपाय, क्षमता निर्माण और जागरूकता पैदा करना जानकारी शामिल है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक बयान में कहा कि ‘मिशन मौसम’ के महत्वपूर्ण तत्वों में उन्नत सेंसर और उच्च प्रदर्शन वाले सुपर कंप्यूटर के साथ अगली पीढ़ी के रडार और उपग्रह प्रणालियों की तैनाती, बेहतर पृथ्वी प्रणाली मॉडल का विकास और वास्तविक समय डेटा प्रसार के लिए भौगोलिक सूचना प्रणाली (जीआईएस)-आधारित स्वचालित निर्णय समर्थन प्रणाली शामिल होगी। इस मिशन से कृषि, आपदा प्रबंधन, रक्षा, विमानन, ऊर्जा, जल संसाधन और पर्यटन समेत कई क्षेत्रों को लाभ होगा। इससे शहरी नियोजन, परिवहन और पर्यावरण निगरानी जैसे क्षेत्रों में निर्णय लेने की क्षमता में भी सुधार आएगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने कहा कि बहुआयामी और परिवर्तनकारी पहल से भारत के मौसम और जलवायु संबंधी विज्ञान, अनुसंधान और सेवाओं को जबरदस्त बढ़ावा मिलेगा।