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छतीसगढ़ का लोकप्रिय चेहरा होने के बावजूद, दुर्ग जिले के इन नेताओं को स्थानीय और बाहरी का मुद्दा भारी पड़ता दिख रहा हैं, अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी से पीछे चल रहे हैं

रायपुर:छत्तीसगढ़ लोकसभा चुनाव में लगता हैं बाहरी बनाम स्थानीय का मुद्दा लोगो के सर चढ़ कर बोल. बता दे कांग्रेस और बीजेपी ने कई सीटों पर ऐसे प्रत्याशियों को मौका दिया है जो स्थानीय नहीं है। छतीसगढ़ में लोकप्रिय होने के बावजूद दुर्ग जिले से ताल्लुक रखने वाले उम्मीदवारों को जनता ने पैराशूट केंडिडेट के नाते पसंद नहीं किया। यह बात इसलिए कही जा रही हैं क्योंकि ये जहां चुनाव लड़े अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी से पीछे चल रहे हैं।

आज पूरे छत्तीसगढ़ में दुर्ग जिले की सियासत को लेकर इसलिए चर्चा हो रही हैं क्योंकि सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी कांग्रेस ने यहां के 4 दिग्गज नेताओं को दूसरे संसदीय क्षेत्र से चुनाव मैदान में प्रतिद्वंद्वी को पछाड़ने उतारा हैं।

अब दुर्ग को सियासत का किला इसलिए कहा जा रहा हैं क्योंकि छत्तीसगढ़ की 11 लोकसभा सीट में से 5 सीट पर दुर्ग जिले के भाजपा व कांग्रेस के लोकप्रिय नेता चुनाव लड़ रहे हैं। एक साथ दुर्ग के 6 नेताओं का चुनाव लड़ना लोकसभा 2024 में चर्चा का विषय बना हुआ हैं। कांग्रेस ने 4 तो भाजपा ने 2 नेताओं को टिकट दी हैं। ये नेता दुर्ग, राजनांदगांव, महासमुंद, बिलासपुर और कोरबा लोकसभा सीट चुनाव लड़ रहे हैं। 4 लोकसभा सीट में तो इन्हें पैराशूट केंडिडेट कहा जा रहा हैं.भाजपा व कांग्रेस ने स्थानीय नेताओं की दावेदारी को दरकिनार कर पार्टी ने अपनी पसंद का उम्मीदवार बाहर से लाकर चुनावी रण में उतार दिया। स्थानीय और बाहरी उम्मीदवार का बड़ा मुद्दा चुनाव में बनकर उभरा था। दरअसल पार्टी को इन नेताओं की लोकप्रियता के कारण जीत का पूरा भरोसा था इसलिए इन्हें चुनावी रण में जिताऊ उम्मीदवार के रूप में उतारा गया हैं.

दुर्ग जिले के जो चार नेता दूसरे लोकसभा सीट पर अपने भाग्य को आजमाने मैदान में हैं उनमें कांग्रेस उम्मीदवार पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ( राजनांदगांव लोकसभा सीट), पूर्व गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ( महासमुंद लोकसभा सीट),भिलाई विधायक देवेन्द्र यादव (बिलासपुर लोकसभा सीट) और भाजपा उम्मीदवार राज्यसभा सांसद सरोज पांडे (कोरबा लोकसभा सीट) हैं जबकि दुर्ग लोकसभा सीट से भाजपा ने मौजूदा सांसद विजय बघेल को प्रत्याशी बनाया हैं वहीं कांग्रेस ने राजेन्द्र साहू मुकाबला करने चुनावी रण में उतारा हैं। राज्य में पहली बार दुर्ग जिले के सर्वाधिक प्रत्याशी चुनावी रण में नजर आ रहे हैं।इसलिए दुर्ग जिला राजनीतिक आकर्षण का केन्द्र बन गया हैं। मतगणना का दौर जारी हैं लेकिन दुर्ग जिले से ताल्लुक रखने वाले पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ( राजनांदगांव लोकसभा सीट), पूर्व गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ( महासमुंद लोकसभा सीट),भिलाई विधायक देवेन्द्र यादव (बिलासपुर लोकसभा सीट) और भाजपा उम्मीदवार राज्यसभा सांसद सरोज पांडे (कोरबा लोकसभा सीट) से अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी से पीछे चल रहे हैं

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