छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में खदान धंसने से 3 महिलाएं दबी, एक मौत:अवैध खदान का गिरा ऊपरी हिस्सा, छुई मिट्टी निकालने गई थीं 15 महिलाएं

छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले में छुई मिट्टी निकालने गईं 3 महिलाएं खदान धंस जाने से मलबे में दब गईं। आनन-फानन में ग्रामीणों ने तीनों को बाहर निकाला। वहीं खदान में दबी एक युवती की मौके पर मौत हो गई, जबकि 2 अन्य को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। दोनों की हालत खतरे से बाहर है। घटना सूरजपुर थाना क्षेत्र के गेतरा की है।

जानकारी के मुताबिक, सलका, महादेवपारा की करीब 15 महिलाएं और युवतियां शनिवार सुबह छुई मिट्टी निकालने के लिए गेतरा गांव के नाले के पास स्थित छुई खदान में गई थीं। छुई मिट्टी निकालने के लिए फुलकुंवर (22) खदान के अंदर घुसी थी। पनमेश्वरी (36) एवं दलविंदर (27) मिट्टी बाहर निकाल रही थी। इस दौरान अवैध खदान का ऊपरी हिस्सा ढह गया।

मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने निकाला बाहर

इस दौरान खदान ढहने से फुलकुंवर, पनमेश्वरी और दलविंदर तीनों मिट्टी में दब गए। महिलाओं ने शोर मचाया तो आसपास मौजूद गांव के लोग मौके पर पहुंचे। ग्रामीणों ने मिट्टी हटाना शुरू किया। पनमेश्वरी और दलविंदर के हाथ और पैर दिख रहे थे। ग्रामीणों ने जल्दी से मिट्टी हटाकर निकाल लिया।

बर्तन एवं बोरे लेकर मिट्टी निकालने पहुंची थी महिलाएं

इस दौरान फुलकुंवर को निकालने के लिए ग्रामीणों को बड़ी मात्रा में मिट्टी हटाना पड़ा, जब तक उसे निकाला गया, उसकी मौत हो गई थी। ग्रामीणों ने दोनों महिलाओं को बाहर निकालकर सूरजपुर अस्पताल पहुंचाया। उनकी हालत खतरे से बाहर बताई गई है।

सूरजपुर थाना प्रभारी विमलेश दुबे ने बताया कि पुलिस मौके पर पहुंच गई है। शव का पंचनामा कर शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा जा रहा है। मिट्टी गिली होने के कारण खदान का उपरी हिस्सा दब गया।

आदिवासी बाहुल्य इलाके में छुई मिट्टी का उपयोग कच्ची दीवारों की पोताई के लिए किया जाता है। घरों की पोताई के साथ छुई मिट्टी बेची भी जाती है। इस कारण यह आजीविका का भी साधन है। सरगुजा संभाग में इसके पूर्व भी छुई मिट्टी की खदान में दबने मौत के मामले सामने आ चुके हैं।

घटना की सूचना पर मौके पर सूरजपुर तहसीलदार समीर शर्मा सहित वन विभाग के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे। समीर शर्मा ने बताया कि मिट्टी निकालने के दौरान सुरंग बन गई है, जिसे बंद कराया जाएगा। खदान पूरी तरह से असुरक्षित है।

ग्राम पंचायत गेतरा के सरपंच गिरधारी सिंह ने बताया कि हर साल महिलाओं को मना किया जाता है, लेकिन वे छुई मिट्टी निकालने के लिए पहुंचती हैं। गांव में परंपरा है कि सितंबर-अक्टूबर में पूजा के बाद ही छुई मिट्टी निकाली जाती है।

गिरधारी सिंह ने बताया कि नाले के पास छुई खदान की मिट्टी बारिश के कारण खदान की मिट्टी गिली है। इस कारण खदान धंस गई। नाले के कटाव के कारण ऊपर काफी मिट्टी का ढेर तीनों पर गिर गया था।

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