छत्तीसगढ़ में स्वाइन फ्लू से 12 मौतें:स्वास्थ्य मंत्री जायसवाल बोले- अब तक हजारों मरीज मिले, महामारी की स्थिति नहीं; एडवाइजरी जारी
छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के मुताबिक स्वाइन फ्लू से अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है। इससे हजारों लोग पीड़ित हो चुके हैं। हालांकि महामारी की स्थिति नहीं है।
प्रदेश में पर्याप्त मात्रा में जांच किट और दवाएं उपलब्ध हैं। स्वाइन फ्लू को लेकर एडवाइजरी जारी की जा चुकी है। केंद्र सरकार की गाइडलाइन के अनुसार टेस्टिंग और ट्रीटमेंट हो रहा है।
मीडिया से चर्चा में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा- हमारी हेल्थ टीमें भारत सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक काम कर रही हैं। संक्रमित के आसपास में 50 से 100 लोगों तक जांच करना होता है। लेकिन हम 200 लोगों की जांच कर रहे हैं।
मंत्री ने आगे कहा- प्रदेश में अब तक 12 लोगों की मौत अलग-अलग कारणों से हुई है। हमारे पास पर्याप्त आइसोलेशन वार्ड हैं, जहां स्वाइन फ्लू के लक्षण वाले मरीज दिखते हैं, उन्हें तत्काल रखा जाता है।
क्या लोगों की हेल्थ कैम्प लगाकर जांच होगी ये पूछे जाने पर मंत्री ने कहा- राज्य में टास्क टीम बनी है। स्वाइन फ्लू में शिविर के जरिए जांच नहीं कर सकते। इसमें लक्षण दिखते हैं तो उन लक्षणों के हिसाब से जांच होगी।
अगर कहीं ज्यादा लक्षण वाले लोग मिलेंगे तब वहां कैंप लगाकर जांच करने की व्यवस्था है।
छत्तीसगढ़ स्वास्थ विभाग ने स्वाइन फ्लू को लेकर भी एक एडवाइजरी जारी की है। जिसके तहत स्वाइन-फ्लू सहित मौसमी बीमारियों से बचाव और रोकथाम के लिए लोगों को सजग रहने और सावधानी बरतने की अपील की है।
प्रदेश के सभी सरकारी अस्पताल अलर्ट मोड पर रखे गए हैं। स्वाइन फ्लू से जुड़ी जानकारी, अस्पताल में जांच को लेकर टोल-फ्री नम्बर 104 पर जारी किया है।
स्वाइन फ्लू को H1N1 वायरस भी कहते हैं। यह इंफ्लुएंजा के एक नए स्ट्रेन जैसा है, क्योंकि इसके लक्षण भी सामान्य फ्लू जैसे ही होते हैं। स्वाइन फ्लू मूल रूप से सूअरों में होने वाली बीमारी है, जो इंसानों में भी फैल गई।
इंसानों में इसका संक्रमण रेट यानी एक व्यक्ति से दूसरे में फैलने की गति काफी तेज है।
इसके H1N2 और H1N3 वैरिएंट भी हैं। हालांकि, इंफ्लुएंजा के ये वैरिएंट इंसानों में उतनी तेजी से नहीं फैलते हैं। इनके केस भी बहुत कम ही देखने को मिलते हैं।
स्वाइन फ्लू एक तरह की रेस्पिरेटरी डिजीज है, जो हमारे श्वसन तंत्र को प्रभावित करती है। इसके लक्षण किस तरह नजर आते हैं, आइए ग्राफिक में देखते हैं-
स्वाइन फ्लू एक प्रकार के इंफ्लुएंजा वायरस के कारण होता है। यह वायरस सूअरों के शरीर में होता है। इंसानों में यह बीमारी एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से और तेजी से फैलती है।
साल 2009 के करीब स्वाइन फ्लू का डर इस कदर बढ़ गया था कि लोग सूअरों को मारकर जमीन में दफना रहे थे। जबकि क्लीवलैंड क्लिनिक के मुताबिक, सूअर का मांस खाने से इंसानों में स्वाइन फ्लू फैलने के चांस न के बराबर होते हैं, क्योंकि खाने से पहले इसे अच्छे से पकाया जाता है। गर्मी से सभी बैक्टीरिया और वायरस खत्म हो जाते हैं।
स्वाइन फ्लू से डर की सबसे बड़ी वजह यह है कि यह बेहद संक्रामक बीमारी है। यह लार और बलगम के छोटे कणों के जरिए फैलती है। जैसे-
- छींक
- खांसी
- वायरस वाली सतह को छूकर उसी हाथ से आंख या नाक को छूने पर
जो लोग स्वस्थ हैं, उन्हें स्वाइन फ्लू बहुत नुकसान नहीं पहुंचाता है। डॉक्टर इसके इलाज के लिए एंटीवायरल और बुखार की दवाएं देते हैं। साथ ही खानपान को लेकर सावधानियां बरतने और इम्यूनिटी बढ़ाने के उपाय सुझाते हैं।
- ज्यादा-से-ज्यादा रेस्ट करें। इससे शरीर को आराम मिलेगा और इम्यून सिस्टम को मजबूती मिलेगी।
- लिक्विड इंटेक बढ़ाएं। यह हमें डिहाइड्रेशन से बचाता है।
- खिचड़ी जैसा हल्का भोजन करें। इससे शरीर को ऊर्जा मिलेगी और पाचन तंत्र को आराम मिलेगा।
- खाने में फल और हरी सब्जियों की मात्रा बढ़ाएं। इससे शरीर को संक्रमण से लड़ने की शक्ति मिलेगी।
मेडिसिन वर्ल्ड में बेहद पुरानी लेकिन एक कहावत है, ‘प्रिवेंशन इज बेटर दैन क्योर।‘ इसका मतलब है कि इलाज से बेहतर है बचाव करना। हम भी चाहें तो कुछ बातों को ध्यान में रखकर स्वाइन फ्लू से अपना बचाव कर सकते हैं। आइए देखते हैं-
- सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन हर साल फ्लू शॉट बनाता है। इसमें H1N1 वायरस का टीका भी है। हर साल ये फ्लू शॉट लिए जा सकते हैं। यह टीका 6 महीने से अधिक उम्र के बच्चों को लगवाया जा सकता है।
- अगर फ्लू फैल रहा है तो बार-बार साबुन या हैंड सैनिटाइजर से हाथ धोएं।
- मोबाइल, लैपटॉप और टेबलटॉप की सतह छूकर सीधे नाक, मुंह या आंखों को न छुएं। इससे पहले हाथ साफ कर लें।
- अगर बीमार हैं तो काम या स्कूल से छुट्टी लेकर घर पर रहें।
- स्वाइन फ्लू फैल रहा हो तो भीड़भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें।