जो बाइडेन से मिले मोहम्मद यूनुस, अमेरिकी राष्ट्रपति ने गले लगाया, जानें क्या है इसके पीछे का मकसद, बांग्लादेश में तख्ता पलट पर भारत की शंका सही तो नहीं
बांग्लादेश की नई अंतरिम सरकार को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बड़ी सफलता मिलती दिख रही है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बांग्लादेश के नए अंतरिम सरकार प्रमुख मोहम्मद यूनुस से मुलाकात की है। मुलाकात के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति ने बांग्लादेश के नए अंतरिम सरकार प्रमुख को गले भी लगाया। साथ ही फुल सपोर्ट का वादा भी किया। इससे ये अंदाजा लगाया जाने लगा है कि बांग्लादेश में तख्ता पलट पर भारत की शंका कहीं सही तो नहीं.. तख्ता पलट के पीछे अमेरिका या अन्य़ पश्चिमी देश तो नहीं है।
इस मुलाकात के बाद जारी किए गए ऑफिशियल प्रेस नोट में जानकारी दी है। इसमें बाइडेन ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार को पूरा समर्थन देने की बात कही है।
दरअसल संयुक्त राष्ट्र महासभा में पहुंचे मोहम्मद यूनुस ने न्यूयॉर्क में अमेरिकी राष्ट्रपति से मुलाकात की। मुख्य सलाहकार के दफ्तर से जारी की गई प्रेस रिपोर्ट के मुताबिक बाइडेन सरकार मोहम्मद यूनुस सरकार को पूरा समर्थन देगी। इसके अलावा जो बाइडेन ने कहा कि अगर अपने देश के लिए छात्र इतना कुछ कुर्बान कर सकते हैं, तो उन्हें थोड़ी और मदद करनी चाहिए।
बता दें कि इससे पहले 15 सितंबर को अमेरिका का एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने ढाका में मोहम्मद यूनुस से मुलाकात की थी। उस दिन हुई मुलाकात में दोनों देशों के बीच आर्थिक विस्तार और राजनीतिक संबंधों को लेकर बात की गई थी।
बता दें कि बांग्लादेश में सरकारी नौकरियों में कोटा के खिलाफ जारी छात्रों का आंदोलन अगस्त की शुरुआत से ही हिंसक हो गया था। सत्ता विरोधी लहर के कारण बांग्लादेश में तख्तापलट हो गया था और 5 अगस्त को तत्कालीन प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा देकर मुल्क छोड़कर भारत आ गई थीं। तब से वह भारत में ही हैं। वहीं 8 अगस्त को यूनुस ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार के तौर पर शपथ ली थी।
वहीं शेख हसीना का कहना था कि अगर वह सेंट मार्टिन द्वीप की संप्रभुता से समझौता कर लेती और बंगाल की खाड़ी पर अमेरिका का प्रभाव पड़ने देतीं, तो वह प्रधानमंत्री बनी रह सकती थीं। हालांकि, बांग्लादेश की पूर्व पीएम के बेटे शाजिब वाजेद ने इस बात से इनकार किया था कि उनकी मां ने ऐसा कोई बयान दिया है। वहीं, अमेरिका ने भी बांग्लादेश के आंतरिक मामलों में दखल देने की बात से इनकार किया था।