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निगम नदी कमर्शियल कंपलेक्स के पुनर्निर्माण की अनुमति

नगर निगम ने कोरबा ट्रांसपोर्ट नगर स्थित आगजनिक कांड के बाद एक पखवाड़े पहले कमर्शियल कंपलेक्स के पुनर्निर्माण की अनुमति व्यवसाईयों को प्रदान कर दी है।

उल्लेखनीय है कि 19 जून की दोपहर को कमर्शियल कंपलेक्स में भीषण आगजनी की घटना घटित हो गई थी। इस हादसे में एक महिला व दो पुरुष को अपनी जान गंवानी पड़ी थी। मौत की वजह दम घुटने से हुई थी। इस घटना में शहर के प्रमुख कमर्शियल कंपलेक्स के भूतल पर स्थित आठ दुकान, प्रथम व द्वितीय तल पर कुल चार हॉल जल गए थे। अग्निकांड में व्यापारियों को 3 करोड रुपए से अधिक का नुकसान उठाना पड़ा था। जिन व्यापारियों ने बीमा करवाया था, उन्होंने कंपनी से बीमा क्लेम कर दिया। जिन व्यापारियों ने बीमा नहीं करवाया था, उन्हें खांसी आर्थिक हानि उठानी पड़ी थी। अग्नि कांड के बाद प्रशासन की ओर से नगर निगम ने इस कॉन्प्लेक्स की स्थिति का जायजा लिया। व्यापक जांच के पश्चात रायपुर से आई एक्सपर्ट की टीम ने पाया की कमर्शियल कंपलेक्स के ढांचे को कोई नुकसान नहीं हुआ है। अलग-अलग स्तर पर हुई जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला गया कि व्यापारियों को अपने-अपने प्रतिष्ठान का निर्माण करने की अनुमति प्रदान कर दी जाए। अनुमति मिलने के बाद कमर्शियल कंपलेक्स के व्यापारियों ने अपने अपने प्रतिष्ठानों का पुनर्निर्माण व सात सजावट का कार्य प्रारंभ कर दिया है।नगर निगम की ओर से कॉन्प्लेक्स के बाहरी दीवारों का प्लास्टर रंग रंग का कार्य कराया जाएगा।लंबे इंतजार के बाद कमर्शियल कंपलेक्स के व्यापारियों ने पुनर्निर्माण की अनुमति मिलने के बाद अब राहत की सांस ली है।

कपड़ा व्यापारी पर दर्ज प्राथमिक

कमर्शियल कंपलेक्स के कपड़ा व्यापारी साहेब प्रतिष्ठान के संचालक भूपेंद्र सिंह गांधी पर पुलिस ने गैर इरादतन हत्या का मामला धारा 304 के तहत दर्ज किया हुआ है। चैंबर ऑफ़ कॉमर्स ने इस प्राथमिक को शून्य करने के लिए प्रशासन से गुहार लगाई थी। बाद में रायपुर चेंबर ऑफ कॉमर्स के प्रतिनिधि मंडल ने भी मुख्यमंत्री से मुलाकात कर भूपेंद्र सिंह गांधी को राहत देने की लिखित में मांग की है। मुख्यमंत्री ने आवश्यक सहयोग का आश्वासन दिया है। उल्लेखनीय की कमर्शियल कंपलेक्स में आगजनी की घटना शॉर्ट सर्किट की वजह से हुई थी। शॉर्ट सर्किट के बाद लाइन काटने के लिए व्यापारियों ने विद्युत वितरण विभाग को फोन किया था। समय रहते यदि वितरण विभाग के द्वारा लाइन काट दी जाती, तो इतनी गंभीर घटना घटित नहीं होती। मौके के बाद अग्निशमन केंद्र कि वाहन भी देर से पहुंची और आप पर तत्काल काबू नहीं पाया जा सका था।

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