
छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के डोंगरगढ़ में शनिवार को बम्लेश्वरी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष और राइस एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज अग्रवाल के घर ED की कार्रवाई 18 घंटे तक चली। शनिवार सुबह 5 बजे से शुरू हुई कार्रवाई रात 11 बजे तक चली। इसके बाद ED की टीम घर से कैश और दस्तावेज लेकर रवाना हो गई।
कस्टम मिलिंग घोटाले की जांच कर रही प्रवर्तन निदेशालय के अफसरों की टीम MH पासिंग और CG 04 पासिंग कार से अग्रवाल के डोंगरगढ़ और रायपुर स्थित घर पहुंची थी। देर रात स्थानीय पुलिस के साथ 2 सील बंद बैग लेकर ED के अधिकारी रायपुर के लिए रवाना हुए। बताया जा रहा है कि मनोज अग्रवाल के घर से बरामद हुए रुपए गिनने के लिए टीम को 2 मशीनें मंगवानी पड़ी थीं।
शनिवार सुबह 5 बजे ED ने शुरू की थी कार्रवाई
राइस मिल एसोसिएशन के अध्यक्ष मनोज अग्रवाल को डोंगरगढ़ और रायपुर के खम्हारडीह स्थित आवास पर ED ने शनिवार सुबह 5 बजे कार्रवाई शुरू की थी। पूरे 18 घंटे चली कार्रवाई के दौरान दोनों ठिकानों पर कस्टम मिलिंग से जुड़े कई दस्तावेज खंगाले गए। ये कार्रवाई रात 11 बजे तक चली। हालांकि ये पता नहीं चल पाया है कि अग्रवाल के घर से कितनी रकम मिली है
कमीशन के संबंध में सवाल-जवाब कर रही ED
ED का आरोप है कि मार्कफेड के अधिकारी और राज्य चावल मिलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने मिलकर कस्टम मिलिंग घोटाले को अंजाम दिया है। इसके लिए अधिकारी और मिलर्स ने विशेष प्रोत्साहन राशि का दुरुपयोग किया है। करोड़ों की रिश्वत कमाने की साजिश रची है।
दो साल से चल रहा था खेल
कारोबारियों के अनुसार, मार्कफेड के पूर्व एमडी मनोज सोनी और उनके सहयोगियों का खेल दो साल से चल रहा था। इसके लिए पूरी टीम बनाई गई थी। टीम में मॉर्कफेड के अफसर और छत्तीसगढ़ स्टेट मिलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी भी शामिल थे। आरोप है कि कस्टम मिलिंग, डीओ काटने, मोटे धान को पतला करने, पतले धान को मोटा करने, FCI को नान में कंवर्ट करने का पैसा लिया जाता था।