कोरबा। कोरबा में निवासरत एक दंपति के बीच अलगाव हो गया। पत्नी ने पति के खिलाफ कुटुंब न्यायालय में खर्चा पानी के लिए वाद दायर कर दिया। इस दौरान पत्नी ने खर्च की राशि प्राप्त नहीं होने पर पति की गुमशुदगी की सूचना थाने में दर्ज करवा दी। सूचना में उल्लेख किया कि, उसका पति 2 साल से लापता है। उसने इस परिपेक्ष में पुलिस के आला अधिकारियों के साथ भी व्यापक पत्राचार किया। पुलिस भी लापता को खोजने जुट गई। एक सप्ताह पहले लापता युवक पुलिस के समक्ष उपस्थित हुआ। उसने बताया कि वह लापता नहीं है। वह बराबर पत्नी से व्हाट्सएप चैटिंग कर रहा है। यहां तक कि उसने बच्चों की फीस भी अदा करने की जानकारी बैंक डिटेल के साथ पुलिस से साझा की। माजरा समझने के बाद पुलिस ने व्हाट्सएप चैटिंग और बैंक डिटेल के साथ-साथ लापता युवक का बयान कलम बंद किया। इस जांच के नस्तीबद्ध होने की सूचना आला अधिकारियों को दी गई। जांच के बाद स्पष्ट हो गया कि मामला युवक की गुमशुदगी का नहीं था, अलबत्ता कुटुंब न्यायालय में तय की गई राशि को जमा नहीं करने का था। अब देखना यह है कि इस तरह पुलिस को गुमराह करने वाली आवेदिका के खिलाफ पुलिस क्या वैधानिक कार्रवाई करती है।