370 गुंडा, बदमाश और नशेड़ियों की बदली किस्मत:निजात अभियान, सामाजिक संगठनों और डॉक्टरों ने छुड़वाई नशे की लत, अब कर रहे नौकरी
रायपुर में निजात अभियान, सामाजिक संगठन और डॉक्टरों की मदद से करीब 370 गुंडे-बदमाश और नशेड़ियों के जीवन में बड़ा बदलाव आया है। नशे की लत से बाहर निकलकर अलग-अलग जगह नौकरियां कर रहे हैं।
पुलिस ने बताया कि थाने में सभी गुंडा बदमाशों की लिस्ट थी, लेकिन इन सभी लोगों ने जब से नशे से दूरी बनाई है, तब से इनकी जिंदगी संवर गई है। परिवार के लोग भी खुश नजर आ रहे हैं। कोई अपने पिता के साथ दुकान संभालने लगा है, तो कोई खुद का काम शुरू कर दिया है।
पुलिस ने बताई कहानियां
उरला थाना क्षेत्र में नशा करने वाले 7 लोगों की हर दिन काउंसिलिंग की गई। डॉक्टर आलोक शर्मा (साइकोलॉजिस्ट) ने इनसे कई बार बातचीत की। नशे की लत से बाहर निकालने में मदद की। इसमें सरोरा निवासी ललित साहू (37) भी शामिल है।
ललित साहू ने बताया कि चाह कर भी नशा छोड़ नहीं पा रहा था। उरला थाना प्रभारी ने भी उसे नशे के दुष्परिणाम के बारे में बताया। लगातार काउंसिलिंग का परिणाम है कि वह टाटा मोटर्स में मैकेनिक का काम कर रहा है।
इसी तरह एक नाबालिग रोहित (परिवर्तित नाम) ने बताया कि वह पहले नशे में चाकू लेकर घूमता था, जिसे उसके पिता के साथ बुलाकर समझाया गया। उसने नशे की लत छोड़कर चाकू को थाने में जमा कराया।
नशे को छोड़कर खुद का व्यापार कर रहा
सिविल लाइन थाना क्षेत्र का निगरानी गुंडा बदमाश करण रेड्डी अक्सर शराब के नशे में आम लोगों से मारपीट करते रहता था। वह 2017 से पुलिस की निगरानी में था। नशे की लत से छुड़ाने के लिए लगातार उसकी काउंसिलिंग डॉक्टर और सामाजिक कार्यकर्ता कर रहे थे। अब करण रेड्डी ने शराब छोड़कर बस स्टैंड भाठागांव में अपना खुद का काम कर जीवन यापन कर रहा है।