छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में डिप्टी कमिश्नर बने शराब कोचिया:सप्ताहभर घूमकर की नकली शराब की डील, पकड़ी 60 पेटी ‘गोवा’; मोतीलाल साहू चला रहा था धंधा

रायपुर में आबकारी विभाग ने बड़ी मात्रा में नकली शराब पकड़ी है। 300 लीटर OP (ओवर प्रूव्ड लिक्विड) भी बरामद किया है। इसका इस्तेमाल नकली शराब बनाने में होता था। इसके साथ आरोपियों मोतीलाल साहू और युवराज साहू को भी पकड़ा गया है।

खास बात यह है कि आरोपियों तक पहुंचने के लिए एक्साइज डिपार्टमेंट के डिप्टी कमिश्नर विकास गोस्वामी खुद कोचिया बने। इसके लिए उन्होंने एक सप्ताह तक अवैध शराब का धंधा करने वाला बने और नकली शराब बेचने वालों को ट्रेस कर उन तक पहुंचे।

इनमें भरा था नकली शराब बनाने का लिक्विड। जिसे आम भाषा में स्पिरिट कहते हैं।

 

डिप्टी कमिश्नर विकास गोस्वामी ने बताया कि, हमें कई दिनों से नकली शराब के काम की जानकारी मिल रही थी। हमें इसे बनाने वालों को पकड़ना था। इसलिए ऑपरेशन प्लान किया गया। वे खुद कोचिया बने और नकली शराब बेचने वालों से संपर्क किया।

अलग-अलग नंबरों से नकली शराब बनाने वालों से डील की बातचीत की। पकड़े गए आरोपी मोतीलाल साहू से डील होने के बाद उसके पास से 40 पेटी गोवा ब्रांड की नकली शराब जब्त की गई। बिना होलोग्राम वाली ये शराब कार से बरामद की गई।

इसी तरह मिनी ट्रक से टीम ने 12 पेटी और लावारिस हालत में 8 पेटी नकली शराब बरामद की है। युवराज के पास से नकली शराब बनाने में इस्तेमाल होने वाली 300 लीटर स्पिरिट भी मिली है। इससे 1500 लीटर नकली शराब बनाई जा सकती थी।

गोवा ब्रांड की नकली शराब बेचने की तैयारी थी। टीम ने नकली होलोग्राम और ढक्कन भी बरामद किए हैं।

 

मुखबिरों से आबकारी विभाग के अफसरों को नकली शराब के ट्रांसपोर्ट की जानकारी मिली थी। आसपास के जिलों के गांवों में ये शराब बेचने की तैयारी थी। बारिश के बीच टीम ने नाकेबंदी कर अवैध शराब का धंधा करने वाले आरोपी युवराज को पकड़ा।

आबकारी विभाग ने दावा किया है, राज्य में यह अपनी तरह की पहली बड़ी कार्रवाई है। अवैध शराब को तैयार करने वाली चीजें, खाली बोतल, ढक्कन भी मिले हैं। मोतीलाल साहू और युवराज साहू दोनों को आबकारी एक्ट में कार्रवाई कर जेल भेजा गया है।

60 पेटी नकली शराब जब्त की गई। इसकी पैकिंग इस तरह से की गई थी कि असली-नकली में अंतर करना मुश्किल था।
60 पेटी नकली शराब जब्त की गई। इसकी पैकिंग इस तरह से की गई थी कि असली-नकली में अंतर करना मुश्किल था।

 

नकली शराब मोतीलाल साहू के पास से बरामद की गई। इसमें शराब की पैकेजिंग ब्रांडिंग कुछ इस तरह से थी कि लोग असली-नकली में फर्क नहीं कर पाते। आबकारी विभाग के सूत्रों ने बताया कि यह शराब खुले तौर पर गांव-गांव में बेचने की तैयारी थी । इस शराब को पीने से लोगों को स्वास्थ्य से जुड़ी परेशानियां भी हो सकती थीं।

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