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Narendra Modi @74: आज पीएम नरेन्द्र मोदी का 74वां जन्मदिन, 8 साल में RSS से जुड़े, 4 बार गुजरात के मुख्यमंत्री और 3 बार प्रधानमंत्री बने, आइए जानते हैं मोदी के 10 साल में 10 साहसिक फैसले जिसने बनाई अलग पहचान- Happy Birthday PM Modi

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज (मंगलवार) को अपना जन्मदिन (Narendra Modi Birthday) मना रहे हैं। 74 साल पहले आज ही के दिन नरेंद्र मोदी का जन्म हुआ था। इस खास मौके पर आज पीएम मोदी ओडिशा जाएंगे। यहां वे सुभद्रा योजना लॉन्च करेंगे। मोदी 6 साल की उम्र में ही कांग्रेस की ओर से महागुजरात आंदोलन का हिस्सा बने। फिर 8 साल की उम्र में RSS से जुड़े।7 अक्टूबर 2001 को 51 साल की उम्र में बिना विधायक बने ही मोदी गुजरात के 14वें मुख्यमंत्री बने। 24 सालों में 14 साल गुजरात के मुख्यमंत्री रहे। मोदी लगातार 3 बार भारत के प्रधानमंत्री बनने वाले पहले गैर-कांग्रेसी नेता हैं। उनकी लीडरशिप में BJP पहली बार 303 सीटें जीतने में कामयाब हुई। इसी दौरान एक वक्त 21 राज्यों में ‌BJP या उसके गठबंधन की सरकार बनाने में भी कामयाब हुए। आइए जानते हैं मोदी के 10 साल में 10 साहसिक फैसले जिसने बनाई अलग पहचान…प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सबसे बड़ी उपलब्धियों की अगर चर्चा की जाएगी, तो उसमें सबसे पहले अयोध्या राम मंदिर निर्माण की होगी। मोदी के नेतृत्व में राम मंदिर का निर्माण हुआ। 550 साल के बाद जब सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया, तो मोदी सरकार ने राम मंदिर निर्माण की दिशा में तेजी से काम किया और 22 जनवरी 2024 को राम लला अपने गर्भगृह में विराज गए। यही नहीं मोदी जी ने अपने कार्यकाल में काशी विश्वनाथ में कॉरिडोर का निर्माण भी कराया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल के शुरुआत में साहसिक फैसला लेते हुए जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 और 35ए द्वारा राज्य को दिए विशेष दर्जे को हटा दिया। धारा 370 से जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा मिला हुआ था। देश में रहते हुए भी वहां का अलग शासन और झंडा हुआ करता था। लेकिन मोदी सरकार के इस फैसले के बाद विशेष दर्जा समाप्त हो गया और उसे केंद्रशासित राज्य बना दिया गया।

कई वर्षों से भाजपा के एजेंडे में लगे सीएए को लेकर मोदी सरकार नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 लाई। इसका मुख्य मकसद पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए गैर-मुस्लिम धर्मों के लोगों भारतीय नागरिकता देना है। नागरिकता संशोधन अधिनियम 2019 के तहत भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन करने के लिए एक विशेष प्रावधान मौजूद है। यह विशेष रूप से उन कुछ व्यक्तियों के लिए है जो 31 दिसंबर, 2014 को या उससे पहले भारत में प्रवेश कर चुके हैं और हिंदू या सिख या बौद्ध या जैन या पारसी या ईसाई समुदाय से हैं।

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