क्रेशर संचालक को फायदा पहुंचाने सरकार को लगाया करोड़ों का चूना, दोबारा जांच में घिरते दिख रहे खनिज विभाग के अधिकारी
सक्ती जिले में संचालित गुरुश्री मिनरल्स की मुसीबत बढ़ती हुई दिख रही है. गुरुश्री मिनरल्स के डोलोमाइट खदान की दोबारा हुई जांच में कई खुलासे होने के आसार हैं. इसके साथ ही खनिज विभाग की रिपोर्ट गलत साबित होते दिख रही है. जिसमें तीन साल से बंद खदान को चालू बताया गया था.
दरअसल, सक्ती जिले के छीता पंडरिया गांव में गुरुश्री मिनरल्स की डोलोमाइट खदान है, जिसके संचालन के लिए खनिज विभाग से वर्ष 2041 तक परमिशन लिया गया था. लेकिन खदान संचालक ने 5-6 साल में ही 30 लाख टन से अधिक पत्थर निकालकर खदान को राखड़ से पाटने की तैयारी कर रहा था, जिसकी शिकायत जमीन मालिक रघुवीर सिंह ने अधिकारियों से की थी.
रघुवीर सिंह ने बताया कि उनकी शिकायत के बाद खनिज विभाग के अधिकारियों ने गुपचुप तरीके से उन्हें बिना बताए जांच की कार्रवाई पूरी कर ली, और गुरुश्री मिनरल्स के पक्ष में जांच रिपोर्ट बना दिया गया. रिपोर्ट में 10 से 12 लाख टन कम उत्खनन दिखाया गया है. जमीन मालिक ने आरोप लगाया कि अगर सही तरीके से जांच होती है तो 10 से 12 लाख टन अवैध उत्खनन के साथ 50 करोड़ से अधिक की और रॉयल्टी चोरी का मामला बनता.
डोलोमाइट खदान से अवैध उत्खनन और रॉयल्टी चोरी की बात मीडिया में सामने आने के बाद खदान की दोबारा जांच करने अधिकारियों ने टीम बनाई. शिकायतकर्ता के सामने जांच के दौरान केवल राजस्व विभाग की ही टीम नजर आई, खनिज विभाग के अधिकारी नदारद रहे. खदान की लंबाई-चौड़ाई नापने के बाद खनिज विभाग द्वारा पूर्व में की गई जांच रिपोर्ट अब गलत साबित हो रही है, वहीं 3 साल से बंद खदान पर रॉयल्टी जारी करने के मामले में भी खनिज विभाग के अधिकारी घिरते दिख रहे हैं.
गुरुवार को गुरुश्री मिनरल्स के छीतापंडरिया के डोलोमाइट खदान में जांच करने पहुंचे राजस्व विभाग के प्रभारी आरआई सब्बीर मांडले ने बताया कि खदान की लंबाई-चौड़ाई का नाप हुआ है. गहराई का नाप नहीं हो सका, क्योंकि खदान में पानी भरा है. ग्रामीणों ने बताया कि खदान पिछले 3 साल से बंद है. जांच रिपोर्ट भोथियां तहसीलदार को सौंपेंंगे.