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डाइट की तत्कालीन प्राचार्य के विरुद्ध FIR दर्ज

अंबिकापुर। जिला शिक्षा व प्रशिक्षण संस्थान (डाइट) अंबिकापुर परिसर में चार वर्षीय बालिका की भूमिगत पानी टँकी में डूबने से हुई मौत के मामले में आखिरकार पुलिस ने तत्कालीन प्राचार्य शशि सिंह के विरुद्ध धारा 304 (ए) के तहत प्राथमिकी कर ली है। तीन महीने से अधिक समय तक चली जांच में पुलिस ने पाया कि डाइट परिसर की भूमिगत पानी टँकी का ढक्कन नहीं था।ढक्कन के नाम पर संस्थान के बेंच के पटरे को असुरक्षित तरीके से रख दिया गया था। अबोध बालिका के उस पर पैर रखते ही असंतुलित होकर वह गिर पड़ी। इस कारण उसकी मौत हो गई। 12 मार्च 2024 को हुई घटना को लेकर पीड़ित परिवार ने अधिवक्ता के माध्यम से न्यायालय में परिवाद दाखिल किया है। इसमें लापरवाही के आरोप है। इधर न्यायालय में परिवाद के बाद पुलिस पर भी शीघ्रता से जांच का दबाब था। लगभग साढ़े तीन माह बाद पुलिस ने आखिरकार तत्कालीन प्राचार्य के विरुद्ध एफआइआर पंजीकृत किया है। भारतीय दंड संहिता की धारा 304 ए, लापरवाही से मौत का कारण बनने पर लागू होती है। अगर कोई व्यक्ति किसी की मौत किसी ऐसे उतावलेपन या उपेक्षापूर्ण काम से कर देता है, जो गैर इरादतन हत्या की श्रेणी में न आता, तो उसे इस धारा के तहत दो साल तक की जेल या जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। इस मामले में भी प्राचार्य के विरुद्ध प्राथमिकी हुई है।

समझिए कैसे बरती गई लापरवाही
0 लोक निर्माण विभाग ने मरम्मत के नाम पर बड़ी राशि खर्च की लेकिन भूमिगत पानी टँकी का मजबूत ढक्कन नहीं लगाया।
0 संस्था प्रबंधन ने तत्काल सीसी कैमरे की जांच नहीं की।
0 तत्काल सीसी कैमरे की जांच होती तो बालिका लंबे समय तक पानी टँकी में डूबी नहीं रहती।
0 भूमिगत पानी टँकी में ढक्कन के नाम पर बेंच का टूटा व कमजोर पटरा रख दिया गया था।
0 असुरक्षित पानी टँकी के आसपास कोई घेरा नहीं था। किसी प्रकार के सुरक्षा के उपाय अथवा चेतावनी व सतर्कता का संकेतक नहीं लगाया गया था।

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