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राजकोट गेम जोन में आग-12 बच्चों समेत 28 की मौत:वेल्डिंग की चिनगारी से आग भड़की, सिर्फ एक एग्जिट पॉइंट; हाईकोर्ट ने रिपोर्ट मांगी

गुजरात के राजकोट में शनिवार शाम 4.30 बजे टीआरपी गेम जोन में आग लगने से 28 लोगों की मौत हो गई। पहले 30 की मौत की जानकारी सामने आई थी। मगर SP क्राइम ने 28 की मौत की पुष्टि की। मृतकों में 12 बच्चे भी शामिल हैं।

फायर ब्रिगेड की 8 टीमें करीब 3 घंटे की मशक्कत के बाद आग बुझा पाईं। 25 से ज्यादा लोगों का रेस्क्यू किया गया। अधिकारियों के मुताबिक, गेम जोन से अंदर-बाहर जाने का एक ही रास्ता था। वहीं फायर डिपार्टमेंट से NOC भी नहीं ली गई थी।

चश्मदीद के मुताबिक- कालावड रोड स्थित इस गेम जोन में वीकेंड की वजह से 500 रुपए का टिकट 99 रुपए में दिया जा रहा था, इसलिए भीड़ ज्यादा थी। टीआरपी गेम जोन के मालिक युवराज सिंह सोलंकी, पार्टनर प्रकाश जैन, राहुल राठौड़ और मैनेजर नितिन जैन को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। हादसे के बाद चारों ने फोन बंद कर लिया था।

आग कैसे लगी: किराए की 2 एकड़ जमीन पर तीन मंजिला गेम जोन 2020 में बनाया गया था। इसका स्ट्रक्चर लकड़ी और टीन शेड पर खड़ा था। कई जगह रिपेयरिंग और रेनोवेशन का काम भी चल रहा था। एक जगह सीढ़ी पर वेल्डिंग के दौरान निकली चिनगारी से ब्लास्ट हुआ और आसपास आग लग गई।

आग तेजी से क्यों फैली: गेम जोन का डोम कपड़े और फाइबर से बना था। स्ट्रक्चर लकड़ी, टीन और थर्मोकोल शीट से बनाया गया था। फर्श पर भी रबर, रेग्जीन और थर्मोकोल लगा था। इसके अलावा गेज जोन में 2 हजार लीटर डीजल और 1500 लीटर पेट्रोल भी स्टोर किया गया था। इसलिए आग कुछ मिनटों में ही तेजी से फैल गई।

ज्यादा नुकसान की वजह: चश्मदीद के मुताबिक​​​​, आग नीचे से ऊपर तक कुछ ही मिनटों में फैल गई थी। तीन मंजिला स्ट्रक्चर में नीचे से ऊपर जाने के लिए केवल एक सीढ़ी थी। दूसरी और तीसरी मंजिल के लोगों को भागने का मौका नहीं मिला।

अधिकारी क्या बोले: कलेक्टर आनंद पटेल ने कहा, शव इतनी बुरी तरह जले हैं कि पहचान मुश्किल है। डीएनए टेस्ट कराना होगा। राजकोट के सभी गेम जोन बंद कर दिए गए हैं। पुलिस कमिश्नर राजू भार्गव के मुताबिक, टीआरपी गेम जोन के पास फायर एनओसी तक नहीं थी। सरकार ने जांच के लिए SIT बनाई है।

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