छत्तीसगढ़
चना चोरों ने सरकार को लगाया करोड़ों का चूना
सप्लायरों को 28 जून तक केन्द्रीय भंडार को 40,000 टन चने की पैकिंग कर देने थे लेकिन तय समयावधि तक सिर्फ 25 फीसदी चने की ही पैंकिंग कर आपूर्ति की गई है। जो टेंडर के नियम और शर्तों का भी उल्लंघन है। इस मामले में जिम्मेदार अधिकारी कुछ भी कहने से बच रहे हैं। केन्द्रीय भंडार द्वारा चने के पैकिंग के लिए बनाए गए डियो द्वारा बड़े पैमाने पर घपला कर सरकार को चूना लगाए जाने की आशंका को देखते हुए चना खरीदी और आपूर्ति में बड़ी अनियमितता परिलक्षित हो रही है जिसकी खाद्य विभाग और नेफेड द्वारा जांच कराई जानी चाहिए। इस पूरे मामले में केन्द्रीय भंडार के अधिकारियों की भूमिका की भी पड़ताल की जानी चाहिए। Also Read – नहीं मिल रहा है। लगभग छह महीने से यही स्थिति बनी हुई है। महंगाई के इस दौर में सस्ता चना ना सिर्फ शरीर को पोषण देता है बल्कि घर में सब्जी की कमी को भी पूरा करता है। ऐसे में चना नहीं मिलने से लोग परेशान है। जब खाद्य सुरक्षा कानून बना तब छत्तीसगढ़ ने एक आदर्श पीडीएस सिस्टम दिया। पूरे देश में छत्तीसगढ़ पहला राज्य है जिसने सार्वजनिक राशन वितरण प्रणाली को अनिवार्य किया और 1 रुपये किलो में गरीबों को 35 किलो चावल देना शुरू किया। कुछ दिनों बाद चावल के साथ ही शक्कर, नमक और चना भी दिया जाने लगा। जिससे काफी हद तक गरीब परिवार की जरूरतें पूरी होने लगी। लेकिन छत्तीसगढ़ के पीडीएस सिस्टम से अब चना गायब है। लोग परेशान हैं उन्हें राशन दुकान में चना नहीं मिल रहा है। आखिर चना कहां गायब हो गया, पीडीएस दुकानों में चना नहीं मिल रहा है, बाकी सब कुछ मिल रहा है। शारदा चौक चौड़ीकरण को लेकर महापौर बहा रहे घड़ियाली आंसू टेंडर पास नहीं होने के कारण चना मिलने में परेशानी: सिर्फ एक दो दुकानों में नहीं बल्कि कई जिलों के सभी पीडीएस दुकानों से चना गायब है। हालांकि आने वाले दिनों में चना मिलने की बात कही जा रही है। जिम्मेदारों का कहना है कि इस महीने चना आ रहा है। गोदाम में आ गया है लेकिन अब तक दुकान में नहीं पहुंचा है। इस महीने से लोगों को चना मिलना शुरू हो जाएगा, चना दो महीने से नहीं आ रहा था। इस बारे में अधिकारियों से बात की गई है। आचार संहिता के कारण टेंडर में देरी हुई, जिस कारण चना नहीं मिल पा रहा था, लेकिन जल्द ही चना राशन दुकानों में पहुंच जायेगा। नए आबंटन के साथ पिछला चना भी हितग्राहियों को मिलेगा।—रायपुर (जसेरि)। राज्य सरकार ने चने की खरीदी के लिए नेफेड को अधिकृत किया है। चने की पैकेजिंग से लेकर प्रोसेसिंग और ट्रांसपोर्टेशन तक के काम के लिए निविदा निकाली जाती है, जिसमें पात्र पाई गई फर्म को काम दिया जाता है। छत्तीसगढ़ सरकार ने नेफेड से चना खरीद कर केन्द्रीय भंडार को पैकजिंग के लिए दिया था। केन्द्रीय भंडार ने इसके लिए जो डियो(सप्लायर) तय किये थे उन्होंने नेफेड द्वारा उपलब्ध कराए गए माल की जगह बाजार से घटिया और गुणवत्ताहीन चना खरीदकर उसकी पैकजिंग कर केन्द्रीय भंडार को उपलब्ध करा दिए और नेफेड द्वारा उपलब्ध चने को ऊंचे कीमत पर बाजार मे ंबेचकर मुनाफा कमाये और सरकार को करोड़ों का चूना लगाया। नेफेड ने जो चना हितग्राहियों को उपलब्ध कराने आपूर्ति की थी वह उच्च क्वालिटी और गुणवत्ता के थे। लेकिन केन्द्रीय भंडार द्वारा बनाए गए डियो ने उस चने की जगह निम्म स्तर के चने की पैकिंग की।