छत्तीसगढ़

बर्खास्त मामले कलेक्टर को हाईकोर्ट का नोटिस, इन कर्मचारियों को मिली राहत

बिलासपुर । सेवा से हटाए गए भृत्य,स्वीपर व रसोइयों की याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कलेक्टर कोंडागांव व जिला शिक्षाधिकारी को नोटिस जारी कर याचिकाकर्ताओं को उनके अनुभव को देखते हुए प्राथमिकता देने का निर्देश दिया है। Cदैनिक वेतन भोगी कर्मचारी भृत्य,स्वीपर व रसोईया के पद पर कोंडागांव जिले के अंतर्गत विभिन्न स्कूलों में कार्यरत थे। जिन्हें अगस्त 2019 से पृथक कर दिया गया था और काम पर नहीं रखा जा रहा है। जिला शिक्षाधिकारी कोंडागांव के द्वारा अगस्त 2019 के बाद से उनको काम पर नहीं रखा जा रहा है। जबकि जिला कोन्डागांव के अंतर्गत विभिन्न स्कूलों में भृत्य के पद पर अभी भी डेली वेजेस पर भृत्य, माली इत्यादि पदों पर लोगों को रखा गया है। पूर्व में स्कूल शिक्षा विभाग के अंतर्गत कोन्डागांव गांव जिले के विभिन्न स्कूलों में अपनी सेवा दे चुके हैं। उन्हें प्राथमिकता देते हुए काम पर नहीं रखा जा रहा है जबकि अन्य लोगों को नियुक्त भी किया जा रहा है।मामले की सुनवाई जस्टिस सचिन सिंह राजपूत की सिंगल बेंच में हुई। मामले की सुनवाई के बाद कोर्ट ने जिला शिक्षाधिकारी कोंडागांव,कलेक्टर कोंडागांव एवं विकासखंड शिक्षाधिकारी माकड़ी को स्वीपर रसोईया चौकीदार आदि पद पर दैनिक वेतन भोगी कर्मी के रूप में याचिकाकर्ता को पूर्व में किए गए कार्यों व अनुभव के आधार पर नियुक्ति में प्राथमिकता व महत्व देने का निर्देश दिया है। गायत्री पोयाम, हितेश कुमार नायक, दीपक कुमार पांडेय, अशोक कुमार नेताम, पुखराज दीवान,हेमंत कुमार महावीर, गीता कोर्राम, चिंता हरण नाग, पुरुषोत्तम सेठिया, प्रवीण कुमार यादव, हितेश्वरी सम ,कुमारी रीता पांडे, यशवंत कपूर, देवेंद्र कुमार सोंम,रोशन लाल बघेल, सुशीला प्रधान, कुमारी यश्वनी, कुमारी सावित्री, कुमारी हितेंद्री, लीलावती सेम, ने अधिवक्ता अब्दुल वहाब खान के जरिए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी

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