KORBA: 3 तहसीलदारों को कारण बताओ नोटिस जारी, कलेक्टर ने दिए निर्देश
कोरबा जिला कलेक्टर अजीत वसंत ने तहसीलदार कोरबा, भैंसमा, दीपका को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश जारी किये हैं। किसान किताब की प्रविष्टि में अपेक्षित प्रगति नहीं लाने पर इनसे नाराजगी जाहिर की गई।
कोरबा जिला कलेक्टर ने राजस्व अधिकारियों को लंबित राजस्व प्रकरणों के निराकरण में प्रगति लाने के निर्देश दिए। सभी राजस्व अधिकारियों को कहा गया कि जिले में नक्शा बटांकन का कार्य शीघ्रता से पूर्ण करें। पदस्थ प्रत्येक पटवारी प्रतिदिन 25 खसरा, नक्शा बटांकन का कार्य पूर्ण करें। उनके कार्य प्रगति की सतत् मॉनिटरिंग तहसीलदार करें। कार्य में अपेक्षित प्रगति नहीं आने पर संबंधित पटवारी तहसीलदार के विरूद्ध कार्यवाही की जाएगी। अधिकारी राजस्व प्रकरणों के निराकरण में गंभीरता से प्रगति लाएं। आम लोगों को राहत पहुंचाने के लिए सभी अधिकारी व्यक्तिगत रूचि लेकर कार्य करें।
कलेक्टर ने राजस्व अधिकारियों की समीक्षा बैठक में नक्शा बटांकन में अपेक्षित प्रगति नहीं लाने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त करते हुए सभी तहसीलदार को नक्शा बटांकन में शीघ्र प्रगति लाने कहा। प्रभारी आधिकारी भू-अभिलेख को प्रत्येक तहसील की हल्कावार समीक्षा किए जाने के निर्देश दिए। प्रत्येक तहसीलदार को भुइयां में किसान किताब की प्रविष्टी हेतु आगामी 1 महीने में 10 प्रतिशत का लक्ष्य दिया गया। साथ ही साथ किसान किताब की प्रविष्टि में अपेक्षित प्रगति नहीं लाने पर तहसीलदार भैंसमा, दीपका, कोरबा को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।
कोटवारी भूमि के लिए दर्ज होगा अहस्तांतरणीय शब्द
कोटवारी भूमि/सेवा भूमि के लिए खसरे में अहस्तांतरणीय शब्द दर्ज करने हेतु सभी तहसीलदार को निर्देशित किया गया। त्रुटि सुधार के प्रकरणों में आगामी 10 दिवस में अपेक्षित प्रगति लाने हेतु सभी एसडीएम/तहसीलदार को निर्देश दिए। भू अर्जन मामले मे 1980 के बाद के भू-अर्जन के सभी प्रकरणों में जल्द से जल्द रिकॉर्ड दुरुस्ती कराने के निर्देश राजस्व अधिकारियों को दिए। कलेक्टर ने कहा कि किसानों के लिए आवश्यक एवं महत्वपूर्ण किसान किताब की प्रविष्टि कराकर वितरित कराएं। सभी प्रकरणों की ऑनलाईन एंट्री भी गंभीरता से करने की बात कही। सभी एसडीएम और तहसीलदारों को अपने कोर्ट में प्रकरणों की सुनवाई हेतु दिन निर्धारित कर समय पर सुनवाई करने कहा। सभी तहसीलदार पेशी तारीख अद्यतन करें। मसाहती ग्रामों का प्रारंभिक प्रकाशन कराया जाए।