कोरबा: टाइल्सीकरण की आड़ में जनता के टैक्स का दुरुपयोग, सड़कों की बदहाली जारी

कोरबा। महानगरीय विकास की ओर अग्रसर हो रहे शहर में नगर निगम के अदूरदर्शी फैसले जनता के टैक्स के पैसे का दुरुपयोग साबित हो रहे हैं। शहर की सड़कों की मरम्मत और विकास कार्यों को लेकर निगम के जिम्मेदार अधिकारियों की सोच पर सवाल खड़े हो रहे हैं। जहाँ एक ओर शहर की सड़कों की स्थिति बारिश के कारण बेहद खराब हो चुकी है, वहीं दूसरी ओर निगम ने टाइल्सीकरण के नाम पर सरकारी धन का जमकर दुरुपयोग किया है।
कोरबा की सड़कों की मरम्मत की मांग लंबे समय से उठाई जा रही थी, लेकिन इस मुद्दे को हल करने में नगर निगम नाकाम रहा। सड़कों की मरम्मत के नाम पर विवाद इतना बढ़ा कि मामला हाईकोर्ट तक जा पहुंचा। अदालत में हुई फजीहत के बाद अब कहीं जाकर डामरपोती का काम शुरू किया गया है, पर यह मरम्मत काम चलाऊ से ज्यादा नहीं दिखता।
वहीं दूसरी ओर, नगर निगम ने कुछ सड़कों के किनारे खाली जगहों पर टाइल्स बिछाने का काम शुरू कर दिया है। सवाल यह उठता है कि इन टाइल्स का औचित्य क्या है, जब सड़कों की हालत खराब है। शहर के कई हिस्सों में फुटपाथ और नालियों के ऊपर टाइल्स और पेवर ब्लॉकिंग का काम किया गया है। लेकिन इन टाइल्स की उपयोगिता पर सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि टाइल्स बिछाने के बाद भी उन जगहों पर अतिक्रमण जस का तस बना हुआ है।
टाइल्सीकरण का काम पूरा होते ही फुटपाथों पर फिर से ठेले और गुमटियों का कब्जा हो गया है, जिससे पैदल चलने वालों के लिए कोई जगह नहीं बचती। ऐसे में टाइल्स बिछाने का काम केवल दिखावे और धन के अपव्यय के सिवाय कुछ नहीं लगता। जनता के टैक्स के पैसों को इस तरह से बर्बाद करने पर नगर निगम की नीतियों और कामकाज पर गहरे सवाल खड़े हो रहे हैं।
शहर की जनता का कहना है कि जब सड़कों की हालत बदहाल है, तब टाइल्सीकरण जैसे कामों पर खर्च करना व्यर्थ है। प्राथमिकता सड़कों की मरम्मत और अतिक्रमण हटाने की होनी चाहिए, जिससे शहरवासियों को राहत मिल सके।