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Mangla Gauri Vrat 2024: आज रखा जाएगा सावन का पहला मंगला गौरी व्रत, नोट करें पूजा विधि और शुभ योग

मंगला गौरी व्रत शुभ योग और पूजन समय

वैदिक पंचांग के अनुसार, सावन माह के पहले मंगला गौरी व्रत के दिन द्विपुष्कर योग सुबह 05 बजकर 38 मिनट से लेकर 10 बजकर 23 मिनट तक रहेगा। इसके बाद अमृत काल सुबह 10 बजकर 47 मिनट से दोपहर 12 बजकर 15 मिनट तक रहेगा।

फिर विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 44 मिनट से 03 बजकर 39 मिनट तक रहेगा। इस दौरान आप किसी भी प्रकार का शुभ कार्य व पूजा कर सकते हैं।

पूजा विधि

सुबह जल्दी उठकर पवित्र स्नान करें। अपने मंदिर को अच्छी तरह साफ करें। महिलाएं लाल रंग के वस्त्र धारण करें। एक वेदी पर मां गौरी की प्रतिमा स्थापित करें। मां गौरी का ध्यान करें और उनका अभिषेक करें। देवी को आभूषणों और वस्त्रों से सजाएं। फिर सोलह शृंगार की सामग्री अर्पित करें। कुमकुम का तिलक लगाएं। घी का दीपक जलाएं। वैदिक मंत्रों का जाप करें। देवी को प्रसन्न करने के लिए मंगला गौरी कथा का पाठ करें या सुनें। खीर का भोग लगाएं और आरती से पूजा को पूर्ण करें।

पूजा में हुई गलतियों के लिए क्षमा मांगे और बड़ों का आशीर्वाद लें। अगले दिन प्रसाद से अपना व्रत खोलें। फिर सात्विक भोजन करें।

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