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मोदी बोले- 8 साल पहले आज ही सर्जिकल स्ट्राइक हुई:कांग्रेस सबूत मांगती है; इनके समय गोलीबारी के जवाब में सफेद झंडा दिखाते थे

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के अंतिम फेज के लिए शनिवार, 28 सितंबर को जम्मू में रैली की। उन्होंने एमए स्टेडियम में विजय संकल्प महारैली को संबोधित करते हुए कहा कि 2016 में आज ही की रात सर्जिकल स्ट्राइक हुई थी। भारत ने दुनिया को बताया था कि ये नया भारत है। ये घर में घुसकर मारता है।’

PM ने कहा, ‘वो दौर याद कीजिए, जब सीमा पार से आए दिन गोले बरसते थे। उधर से गोलियां चलती थीं और कांग्रेस वाले सफेद झंडा दिखाते थे। जब भाजपा सरकार ने गोली का जवाब गोले से दिया तो उधर वालों के होश ठिकाने आ गए।

अब आतंक के आकाओं को पता है अगर कुछ भी हिमाकत की तो मोदी पाताल से भी उन्हें खोज निकालेगा। कांग्रेस वो पार्टी है, जिसने सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांगे थे। कांग्रेस आज भी सर्जिकल स्ट्राइक को लेकर पाकिस्तान की भाषा बोलती है।’

सितंबर में PM मोदी की जम्मू-कश्मीर में यह तीसरी और आखिरी चुनावी सभा थी। 1 अक्टूबर को तीसरे और अंतिम चरण में बांदीपोरा, कुपवाड़ा, बारामूला, उधमपुर, जम्मू, सांबा और कठुआ जिलों की 40 सीटों पर मतदान होगा। 8 अक्टूबर को तीन फेज में 90 सीटों पर हुए मतदान के नतीजे आएंगे।

मोदी ने कहा, ‘आज कांग्रेस पूरी तरह से अर्बन नक्सलियों के कब्जे में है। जब विदेशों से घुसपैठिए यहां आते हैं, तो कांग्रेस को अच्छा लगता है। वो उन्हें अपना वोट बैंक मानती है। उनका स्वागत करती दिखती है, जबकि अपने ही लोगों के दर्द का मजाक उड़ाती है।

PM ने कहा, ‘कांग्रेस, नेशनल कॉन्फ्रेंस और PDP संविधान के सबसे बड़े दुश्मन हैं। इन्होंने बाबा साहब अंबेडकर के संविधान की आत्मा का गला घोंटा है। कई-कई पीढ़ियों से रह रहे अनेक परिवारों को वोट देने तक का हक नहीं था। भाजपा ने लोगों को वोट का अधिकार दिया।

1. 8 अक्टूबर को मां के नवरात्रि के दिन नतीजे आएंगे। हम सब माता वैष्णो देवी के साये में पले-बढ़े हैं। 12 अक्टूबर को विजयादशमी है। इस बार की विजयादशमी हम सभी के लिए शुभ शुरुआत वाली होगी। जम्मू हो, सांबा हो, कठुआ हो, चारो तरफ एक ही नारा गूंज रहा है, जम्मू की यही पुकार, आ रही है भाजपा सरकार।

2. जम्मू-कश्मीर के लोग कांग्रेस, PDP और NC के तीन खानदानों से त्रस्त हैं। लोग फिर वही निजाम नहीं चाहते, जिसमें भ्रष्टाचार हो। यहां की जनता आतंकवाद, अलगाववाद, खून-खराबा नहीं चाहती। यहां के लोग अमन, शांति चाहते हैं। यहां के लोग अपने बच्चों का बेहतर भविष्य चाहते हैं। इसलिए जम्मू-कश्मीर के लोग भाजपा सरकार चाहते हैं।

3. पिछले दोनों चरणों में भाजपा के पक्ष में जबरदस्त वोटिंग हुई है। अब यहां भाजपा की पूर्ण बहुमत की पहली सरकार बनना तय है। पहली बार जम्मू क्षेत्र के लोगों की इच्छा वाली सरकार बनने जा रही है। ये मंदिरों की नगरी है, इस मौके को छोड़ना नहीं है। जम्मू के साथ दशकों से जो भी भेदभाव हुआ है, उसको भाजपा सरकार ही दूर करेगी।

4. कांग्रेस देश के लिए मर मिटने वालों का कभी सम्मान नहीं कर सकती है। कांग्रेस ने 4 दशक तक फौजी परिवारों को वन रैंक वन पेंशन के लिए तरसाया। कांग्रेस ने हमारे फौजियों से झूठ बोला। ये कहते थे कि वन रैंक वन पेंशन से खजाने पर बोझ पड़ेगा। 2014 में सरकार बनने के बाद हमने वन रैंक वन पेंशन लागू की। अभी तक फौजी परिवारों को एक लाख 20 करोड़ रुपए से अधिक मिल चुका है। हाल में हमने इसे रिवाइज किया है, जिससे फौजी परिवारों को और ज्यादा पैसा मिलना तय हुआ है।

भाजपा ने जम्मू-कश्मीर की 90 में से 62 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। जम्मू संभाग की सभी 43 सीटों पर भाजपा ने प्रत्याशी उतारे हैं। पार्टी कश्मीर में 47 में से 19 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। बची हुई 28 सीटों पर भाजपा निर्दलीय उम्मीदवारों का समर्थन करेगी।

 जम्मू-कश्मीर में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने गठबंधन किया है। 90 सीटों में से 51 पर NC और 32 सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़ रही है। 5 सीटों पर फ्रेंडली फाइट होगी। 2 सीटें CPI (M) और पेंथर्स पार्टी को मिली हैं।

जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। 2019 में आर्टिकल-370 हटाने के बाद यह पहला विधानसभा चुनाव है। जम्मू और कश्मीर में 90 विधानसभा क्षेत्र हैं, जिनमें 7 अनुसूचित जातियों के लिए और 9 अनुसूचित जनजातियों के लिए रिजर्व हैं।

18 सितंबर को पहले फेज की वोटिंग हो चुकी है। 25 सितंबर को दूसरे फेज और 1 अक्टूबर को तीसरे फेज की वोटिंग होगी। 8 अक्टूबर को नतीजे आएंगे। चुनाव आयोग के मुताबिक यहां 88.06 लाख वोटर हैं।

2014 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 25 सीटों पर जीत दर्ज की थी। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) ने 28 सीटें, जम्मू और कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) ने 15 और कांग्रेस ने 12 सीटें जीती थीं।

 18 सितंबर को पहले फेज में 7 जिलों की 24 विधानसभा सीटों पर वोटिंग हुई थी। इस दौरान मतदान का प्रतिशत 58.85 रहा। चुनाव आयोग के मुताबिक किश्तवाड़ में सबसे ज्यादा 77.23% और पुलवामा में सबसे कम 46.03% वोटिंग हुई। दूसरे नंबर पर डोडा 69.33%, तीसरे नंबर पर रामबन 67.71% रहा।

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण में 6 जिलों की 26 विधानसभा सीटों पर 25 सितंबर को मतदान हुआ। चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, इन सीटों पर 57.03% वोटिंग हुई। यह पिछले चुनाव के मुकाबले 3% कम है। 2014 में इन सीटों पर 60% मतदान हुआ था।

 

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