आठ करोड़ के जल आवर्धन के लिए नहीं जल स्त्रोत की सुविधा
पाली। नगर पंचायत पाली के पेयजल संकट को दूर करने के लिए सात वर्ष पूर्व शुरू की गई जल आवर्धन योजना अब तक पूरी नहीं हुई है। सुविधा देने में लोक स्वास्थ यांत्रिकी विभाग नाकाम है। इस वजह से 15 हजारों की आबादी पानी की किल्लत झेल रही हैं । भीषण गर्मी में पानी के लिए लोग अन्य संसाधनों पर निर्भर है।
भूमिगत जलस्त्रोत गिरने से नगर में पेय जल की संकट गहराते जा रही है। नगर पंचायत पाली में जनप्रतिनिधियों और नागरिको की मांग पर तात्कालिक शासन ने लगभग आठ करोड़ की लागत से पाली नल जल आवर्धन योजना का प्राक्कलन तैयार कर कार्यारंभ किया था। वर्ष 2018 में इसकी शुरूआत हुई थी। अब तक लगभग 90 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। लागत बढ़ने और राशि आवंटन के अभाव में 10 प्रतिशत कार्य दो साल से लंबित है।
इस योजना अंतर्गत पाली से पांच किमी दूर मुनगाडीह में गांजर नाले मे एनीकट का निर्माण, वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, पाली में नवीन कॉलेज के पास पानी टंकी,प्लांट का निर्माण, नगर में नई पाइपलाइन का विस्तार आदि कार्य हो चुका है। विभागीय लापरवाही और मनमानी किस कदर हावी है यह इस बात से समझा जा सकता है कि ग्राउंड जीरो में जहां से नगर को पानी की आपूर्ति होनी है उस एनीकट में पानी की एक बूंद नहीं है।नगरवासी पानी की समस्या निजात पाने ठगा महसूस कर रहा है।
विभागीय अधिकारी और नपं जनप्रतिनिधि की ओर से नागरिकों को केवल आश्वासन मिल रहा है। वर्तमान में 42 डिग्री भीषण गर्मी पड़ रही है और नगर की पेयजल व्यवस्था चरमरा गई है। बताना होगा कि विभाग ने ग्राम बगमडू के समीप एक बारहमासी प्राकृतिक जल स्त्रोत में एनीकट का निर्माण कराया है। वर्तमान में उक्त जल स्त्रोत का उपयोग कई ग्रामों के ग्रामीण कर रहे हैं और पानी नाले तक नहीं पहुंच पा रहा है। वहीं गांजर बरसाती नाला है जो गर्मी के मौसम में सूख जाता है। गर्मी में यहां से पानी मिलना मुश्किल है।