PM मोदी बोले- जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा दिलाएंगे:फर्स्ट फेज की वोटिंग में इतिहास रचा, 25 सितंबर को सारे रिकॉर्ड टूटने चाहिए
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर स्टेडियम में कहा, ‘हमने देश की संसद में कहा है कि जम्मू-कश्मीर को दोबारा राज्य का दर्जा दिलाएंगे। भाजपा ही इसे पूरा करेगी। इसलिए मेरी आपसे अपील है कि 25 सितंबर को वोटिंग के सारे रिकॉर्ड टूटने चाहिए।’
इसके पहले उन्होंने नेशनल कॉन्फ्रेंस, और कांग्रेस को लेकर कहा, ‘इन तीन खानदानों ने अपनी सियासी दुकान चलाने के लिए दशकों तक घाटी में नफरत का सामान बेचा है। इनके कारण ही यहां के युवा तरक्की नहीं कर पाए।’
पिछले 6 दिन में राज्य में PM मोदी का यह दूसरा कश्मीर दौरा है। इससे पहले वे 14 सितंबर को डोडा पहुंचे थे। वे यहां पार्टी कैंडिडेट्स से भी मिलेंगे। इसके बाद दोपहर 3 बजे वे कटरा जाएंगे, जहां एक और जनसभा होगी।
- चुनाव में पहले फेज में इतनी बड़ी तादाद में वोटिंग हुई। ये खुशी की बात है कि दहशतगर्दी खत्म हुई और चुनाव के लिए लोग इतनी बड़ी तादाद में घर से बाहर निकले। ये नया इतिहास बना है। आपने ये इतिहास रचा है। दुनिया देख रही है कि कैसे जम्मू-कश्मीर के लोग भारत के लोकतंत्र को मजबूत कर रहे हैं।
- दिल्ली से लेकर जम्मू-कश्मीर तक ये लोग बौखलाए हुए हैं। इन्हें लगता है, जैसे-तैसे कुर्सी पर कब्जा जमाना और फिर आपको लूटना, ये इनका पैदायशी हक है। जम्मू-कश्मीर की आवाम को उनके जायज हक से महरूम रखना ही इनका सियासी एजेंडा रहा है। इन्होंने सिर्फ डर और अराजकता ही दी है। अब कोई इनके शिकंजे में रहने वाला नहीं है।
- जिन नौजवानों को आगे नहीं बढ़ने दिया। वे इनके खिलाफ मैदान में उतर आए हैं युवा। आज वादी का जो नौजवान 20-25 साल का है, उनमें से कई पढ़ाई-लिखाई से मेहरूम रह गए हैं। कई ऐसे हैं, जिन्हें 10वीं-12वीं या कॉलेज तक पहुंचने में देश के बाकी बच्चों से ज्यादा साल लगे हैं। ये इसलिए हुआ क्योंकि कांग्रेस एनसी और पीडीपी के तीन खानदान फेल हुए हैं। इन्होंने अपनी सियासी दुकान चलाने के लिए दशकों तक नफरत का सामान बेचा है। आप वो वक्त याद रखिए, जो स्कूल कॉलेज बच गए, वहां कई-कई सालों तक पढ़ाई नही हो पाती थी। ये तीन खानदान उनके हाथों में पत्थर थमा कर खुश रहते थे।
यहां अमन की बहाली के लिए मैं पूरी ईमानदारी से जुटा हूं। यहां स्कूल-कॉलेज आराम से चल रहे हैं, बच्चों के हाथ में पत्थर नहीं, बल्कि पेन और किताबे हैं, लैपटॉप हैं। आज यहां नए स्कूल, नए कॉलेज, मेडिकल कॉलेज, आईआईटी ये बनने की खबरें आ रही हैं। मैं चाहता हूं कि हमारे बच्चे पढ़े-लिखें और ज्यादा काबिल बनें, उनके लिए यहीं पर नए मौके बने।
- मैं सिर्फ बीते 5 साल का हिसाब आपको देता हूं। मोदी ने 50 हजार बच्चों का दोबारा स्कूल में दाखिला कराया। यहां 15 हजार स्कूलों में प्री प्राइमरी क्लासेस शुरू की गईं, इनमें आज डेढ़ लाख से ज्यादा बच्चे पढ़ रहे हैं। आज यहां करीब 250 स्कूलों को पीएम श्री स्कूल्स में अपग्रेड किया जा रहा है। यहां कई कॉलेज बने हैं।
- जम्मू-कश्मीर का नौजवान मजबूर नहीं रहा, वो मोदी सरकार में मजबूत हो रहा है। भाजपा ने भी नौजवानों के रोजगार के लिए बड़े ऐलान किए हैं। स्किल डेवलपमेंट हो, बिना धांधली काबिल लोगों को सरकारी नौकरी मिले, ये सारे काम भाजपा यहां पूरे करके दिखाएगी।
- यहां के 3 खानदानों ने 80 के दशक में क्या किया था। इन्होंने सियासत को अपनी जागीर समझ रखा था। किसी दूसरे को आगे आने ही नहीं देना चाहते। पंचायत, डीडीसी के इलेक्शन को क्यों रोका इन्होंने। इन्हें लगता था कि नए लोग सियासत में आएंगे, जो इन्हें चैलेंज करेंगे। इसका नतीजा क्या हुआ? नौजवानों में जम्हूरियत से भरोसा कम होता गया।
- कैसे इलेक्शन होते थे। शाम 5 बजे के बाद कैंपेन बंद हो जाता था। डोर टू डोर मिलना नहीं होता था। तीनों खानदान इससे खुश थे, आपके हक-हुकूक छीनकर ये लोग मौज में रहते थे। पहले के उन हालात से अलग अब कितना कुछ बदल गया है। अब देर रात कैंपेन होता है। लोग जम्हूरियत को सेलिब्रेट कर रहे हैं, युवा में भरोसा जागा है कि उनका वोटिंग का हक ही बदलाव ला सकता है।
- जम्हूरियत को लेकर यही आस, उम्मीद बड़ी कामयाबी की तरफ ले जाने वाली पहली सीढ़ी है। यहां जो ऐजाज हसन जैसे नौजवान हैं, वे इन खानदानी पार्टियों को चैलेंज कर रहे हैं, जब ये खानदान ऐसे युवाओं को गालियां देते हैं तो साफ होता है कि जमीनी लोकतंत्र से ये तीन खानदान कितने डरे हुए हैं।
- इन तीन खानदानों के राज में हजरतबल, खीर भवानी जैसी पवित्र जगहें भी महफूज नहीं थीं। एक दौर था जब लाल चौक पर आना यहां तिरंगा फहराना जान जोखिम में डालने वाला काम था। अब तस्वीर बदल गई है। 3 दशक के बाद अब यहां मुहर्रम का जुलूस निकल पाया है। ये माहौल, ये काम किसने किया है। ये काम मोदी ने नहीं, ये काम आपने किया है।
- कश्मीरियत को सींचने में, उसे आगे बढ़ाने में कश्मीरी पंडितों की भूमिका रही है, लेकिन तीन खानदानों की खुदगर्ज सियासत ने कश्मीरी हिंदुओं को बेघर कर दिया। सिख परिवारों पर जुल्म हुए। ये तीन खानदान, उनके लोग हर जुर्म के भागीदार बने रहे। इन्होंने सिर्फ बंटवारा किया, भाजपा सबको जोड़ रही है। हम दिल और दिल्ली की दूरी मिटा रहे हैं।
- 35 साल में 3000 दिन बंद रहा। 35 साल में से 8 साल बंद में गुजर गए। पिछले पांच साल में 8 घंटे भी कश्मीर बंद नहीं रहा। ये आपका क्रेडिट है। क्या आप चाहते हैं कि पुराने दिन फिर लौटें, क्या चाहते हैं कि फिर हड़तालें हों, खून खराबा हो। क्या चाहते हैं कि फिर हमारी बेटियों के, कमजोर तबकों के हक मारे जाएं, स्कूल जलाए जाएं?
- आज जो कश्मीर में काम हो रहा है, वो पहले भी हो सकते थे। आज जो ईंट-पत्थर आपकी रोड, घर बनाने में लग रहे हैं, उसका इस्तेमाल लोग दूसरी चीजों में करते थे। आज तीनों खानदानों के पास बताने के लिए काम नहीं, सिर्फ नाकामियां हैं। भाजपा गरीब, किसान, नौजवान और महिलाओं, सबके लिए बहुत बड़े इरादों के साथ चुनाव में उतरे हैं।
- भाजपा सरकार हर परिवार की सबसे बुजुर्ग महिला के खाते में हर साल 18 हजार रुपए जमा करेगी। 7 लाख तक मुफ्त इलाज मिलेगा। गरीबों को हजारों घर मिले हैं। सरकार 24 घंटे मुफ्त बिजली देने के लिए काम कर रही है। इसके लिए पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली स्कीम चल रही है। छत पर सोलर प्लांट लगाने के लिए करीब 80 हजार रुपए हर परिवार को दे रही है।
पीएम मोदी ने डोडा रैली के दौरान परिवारवाद को लेकर कहा- जम्मू-कश्मीर का विधानसभा चुनाव 3 खानदानों और जम्मू-कश्मीर के नौजवानों के बीच में है। एक तरफ तीन खानदान हैं, दूसरी तरफ सपने लेकर निकल पड़े नौजवान हैं। तीनों खानदान जम्मू-कश्मीर को दशकों तक बर्बादी देने के जिम्मेदार हैं। इन खानदानों ने यहां करप्शन को बढ़ावा दिया। जमीन कब्जा करने वाले गिरोहों को बढ़ावा दिया। छोटी-छोटी सुविधाओं के लिए आपको तरसाया गया।
केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने 16 सितंबर को जम्मू-कश्मीर का दौरा किया। उन्होंने पाड्डर नागसेनी, किश्तवाड़ और रामबन में जनसभा की। उन्होंने धारा 370 हटने के बाद जम्मू-कश्मीर में हुए विकास और केंद्र सरकार की योजनाओं का यहां के लोगों को मिले लाभ गिनाए।
शाह ने आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस के गठबंधन में आतंकवादी पोषित हुआ। ये पार्टियां धारा 370 वापस लाना चाहती हैं। लेकिन बीजेपी के रहते हुए ऐसा कभी नहीं होगा।
शाह ने कहा कि जिस कांग्रेस पार्टी ने इस अब्दुल्ला परिवार को देशद्रोही कहा, आतंकवाद के लिए जिम्मेदार ठहराया और उमर अब्दुल्ला के दादा को सालों तक जेल में रखा। आज मोदी जी के सामने जीतने के लिए राहुल और उमर अब्दुल्लाकर रहे हैं।
18 सितंबर को पहले फेज में 7 जिलों की 4 विधानसभा सीटों पर वोटिंग हो चुकी है। इस दौरान 61.13% मतदान हुआ है। चुनाव आयोग के मुताबिक किश्तवाड़ में सबसे ज्यादा 80.14% और पुलवामा में सबसे कम 46.65% वोटिंग हुई। दूसरे नंबर पर डोडा 71.34%, तीसरे नंबर पर रामबन 70.55% रहा। पहले फेज की वोटिंग को लेकर देश के अलग-अलग राज्यों में रहने वाले 35 हजार से ज्यादा विस्थापित कश्मीरी पंडितों ने भी वोट डाले। उनके लिए कुल 24 स्पेशल बूथ बनाए गए थे। दिल्ली 4, जम्मू 19 और उधमपुर में 1 बूथ था।
जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। 2019 में आर्टिकल-370 हटाने के बाद यह पहला विधानसभा चुनाव है। जम्मू और कश्मीर में 90 विधानसभा क्षेत्र हैं, जिनमें 7 अनुसूचित जातियों के लिए और 9 अनुसूचित जनजातियों के लिए रिजर्व हैं।
18 सितंबर को पहले फेज की वोटिंग हो चुकी है। 25 सितंबर को दूसरे फेज और 1 अक्टूबर को तीसरे फेज की वोटिंग होगी। 8 अक्टूबर को नतीजे आएंगे। चुनाव आयोग के मुताबिक यहां 88.06 लाख वोटर हैं।
2014 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 25 सीटों पर जीत दर्ज की थी। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी ने 28 सीटें, जम्मू और कश्मीर नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) ने 15 और कांग्रेस ने 12 सीटें जीती थीं।
भाजपा ने जम्मू-कश्मीर की 90 में से 62 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। जम्मू संभाग की सभी 43 सीटों पर भाजपा ने प्रत्याशी उतारे हैं। पार्टी कश्मीर में 47 में से 19 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। बची हुई 28 सीटों पर भाजपा निर्दलीय उम्मीदवारों को समर्थन करेगी।
जम्मू-कश्मीर में किश्तवाड़ के चत्तरू में शुक्रवार को आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ में सेना के 2 जवान शहीद हो गए। इनकी पहचान व्हाइट नाइट कॉर्प्स के नायब सूबेदार विपिन कुमार और सिपाही अरविंद सिंह के रूप में हुई है। 2 और घायल जवानों का इलाज चल रहा है। सुरक्षाबलों ने पिंगनल दुगड्डा के जंगलों में छिपे 3-4 आतंकियों को घेर रखा है। मुठभेड़ अभी भी जारी है।
चुनाव के 6 दिन पहले कुपवाड़ा, कुलगाम और पुलवामा जिले में गुरुवार,12 सितंबर को आतंकियों के 3 ठिकानों को खोज निकाला। कुपवाड़ा से भारी मात्रा में गोला-बारूद और विस्फोटक बरामद किया। वहीं, कुलगाम, पुलवामा में सिर्फ ठिकाने का पता चला। कुपवाड़ा के केरन सेक्टर में आतंकियों ने पेड़ की जड़ में गड्ढा खोदकर बनाया था। जड़ में 5 से 6 फीट जगह मिली।