छत्तीसगढ़

भालू के आतंक का हुआ अंत, दो लोगों को मारने के साथ पांच को कर चुका था घायल

गौरेला-पेण्ड्रा-मरवाही। मरवाही के जंगलों में पिछले कुछ दिनों से ग्रामीणों पर हमला करने वाले भालू को आखिरकार कड़ी मशक्कत के बाद वन विभाग ने पकड़ लिया है. भालू ने दो दिनों के दौरान दो लोगों को मौत के घाट उतारने के साथ पांच लोगों को घायल किया था. भालू लैंड के नाम से भी जाने जाने वाले मरवाही वन मंडल में पिछले कुछ समय से अवैध उत्खनन,अंधाधुंध वनों की कटाई जंगली जानवरों के रहवास प्रभावित हुआ है, जिसकी वजह से भोजन की तलाश में ये जानवर आबादी क्षेत्र में पहुंच रहे हैं, जहां इंसानों से इनकी मुठभेड़ हो रही है. मरवाही के तीन गांवों में दहशत फैलाने वाले भालू को उसी जगह पकड़ा गया, जहां इसने पहले भी हमला किया था. वन विभाग की टीम ने ग्राम उषाड के डोंगराटोला में बेहोशी वाला इंजेक्शन शूट करके भालू पर काबू पाने के बाद उसे पिंजरे में कैद किया.

वन विभाग ने इस भालू को वही से पकड़ा है जहां इसने दो दिन पहले 13 साल की बच्ची को उस वक़्त नोच डाला था, जब वो अपने पालतू जानवरों को चारने गई हुई थी. भालू ने हमले में बच्ची का सिर,आंख, कान, नाक, पेट सब कुछ नोच डाला था. अस्पताल जाते वक्त बच्ची की मौत हो गई थी. घटना के दूसरे दिन भी भालू ने पास ही दूसरी जगह हमला किया था, जिसमे 4 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे. बाद में 32 वर्षीय युवक की भी मौत हो गई थी.

भालू के लगातार हमले के बाद मरवाही वनमण्डल डीएफओ ने भालू से हुए हमले के स्थान का बीते दिन दौरा भी किया. उस क्षेत्र में लोगों को रात में जंगल न जाने देने की सलाह भी देने के साथ इस पूरे क्षेत्र में मुनादी कराई गई रही थी. डीएफओ रौनक गोयल ने बताया कि वाइल्ड लाइफ स्पेशलिस्ट और डॉक्टरों की सलाह ली जा रही है. उसके बाद भालू को किसी सुरक्षित स्थान पर छोड़ा जाएगा.

इसी तरह मुंगेली जिला के अचानकमार टाइगर रिजर्व और खुड़िया वन क्षेत्र में सियार ने आतंक मचा रखा है. सियार अब तक 15 लोगों को घायल कर चुका है. सियार को पकड़ने के लिए खुड़िया वन क्षेत्र में वन अमले ने कई जगह चारे का लालच देते हुए पिंजरा लगाया, लेकिन सियार को पकड़ने में कामयाबी नहीं मिली है.

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