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विदाई भाषण के बाद चर्चा में आए जज, RSS में लौटने के लिए तैयार, उन्होंने अपनी फेयरवेल पार्टी में बोलते हुए कहा कि आज मुझे अपनी असलियत बतानी चाहिए.

कोलकाता: कलकत्ता हाईकोर्ट के जस्टिस चितरंजन दास ने दावा किया कि वो बचपन से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े रहे हैं. संघ ने ही उनके व्यक्तित्व को आकार देने और उनमें साहस, देशभक्ति पैदा करने में मदद की थी. न्यायमूर्ति चितरंजन दास ये खुलासा सोमवार को कलकत्ता हाईकोर्ट से सेवानिवृत्त होने के बाद अपनी फेयरवेल में किया है. उन्होंने अपनी फेयरवेल पार्टी में बोलते हुए कहा कि आज मुझे अपनी असलियत बतानी चाहिए. मैं एक संगठन का बहुत आभारी हूं, मैं बचपन से लेकर युवावस्था तक वहां रहा हूं. मैंने वहां साहसी, ईमानदार होना और दूसरों के लिए समान विचार रखना, देशभक्ति और जहां आप काम करते हैं. उस काम के लिए प्रतिबद्धता की भावना सीखी. मुझे स्वीकार करना चाहिए कि मैं आरएसएस का सदस्य था और हूं. मैंने अपने काम की वजह से लगभग 37 साल तक संगठन (RSS) से दूरी बना ली.

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