सेट्रल जेल के कैदी की ऐश : होटल में 5 घंटे पत्नी संग बिताए, वर्दी के ऊपर टी-शर्ट पहन बच्चों को मॉल घुमाता रहा प्रहरी, DG ने किया सस्पेंड
रायपुर. छत्तीसगढ़ में कस्टम मिलिंग घोटाले के आरोपी रोशन चंद्राकर को पुलिस ने इलाज के बहाने सेंट्रल जेल से बाहर निकाला और 5 घंटे तक वेनिंगटन होटल में रहने दिया. इस दौरान जेल प्रहरी लखन जायसवाल उसके बच्चों को बाहर घुमाता रहा. यह मामला 2 अगस्त का है. इसका वीडियो वायरल होते ही जेल प्रहरी को सस्पेंड कर दिया गया है.बताया जा रहा कि आरोपी रोशन चंद्राकर जब अपनी पत्नी से होटल में मिल रहा था उस दौरान जेल प्रहरी आरोपी के बच्चों को पंडरी सिटी सेंटर माल घूमता रहा. उसने वर्दी के ऊपर टीशर्ट पहन कर रखा था.
DG ने सभी जेलों के लिए जारी किए आदेश
मामला सामने आने के बाद DG जेल राजेश मिश्रा ने जेल अधिकारियों को फटकार लगाई है. उन्होंने आरोपी जेल प्रहरी को सस्पेंड कर दिया है. साथ ही प्रदेश के सभी जेल अधीक्षक को आदेश जारी कर ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. आदेश में कहा गया है कि इलाज के दौरान बंदियों को बाहर ले जाकर होटल में चाय-नाश्ता कराने, मोबाइल देने जैसी बातें सामने आ रही है. इससे स्पष्ट हो रहा है कि आपका अधीनस्थ कर्मचारियों पर नियंत्रण शिथिल हो रहा है. ऐसे में बंदियों को अवैध तरीके से सुविधाएं उपलब्ध कराने वाले प्रहरियों पर सख्त कार्रवाई करें.
जानिए कौन है रोशन चंद्राकर
छत्तीसगढ़ के कस्टम राइस मिलिंग घोटाले में आरोपी रोशन चंद्राकर राइस मिलर्स एसोसिएशन का पूर्व कोषाध्यक्ष है. उन आरोप है कि पद पर रहते रोशन लेवी वसूलता और अफसरों को जानकारी देता था. जिन मिलर्स से कमिशन नहीं मिलते उनका भुगतान रोक दिया जाता था. कारोबारियों के अनुसार, अफसरों को हर काम का पैसा देना पड़ता था. ED ने करीब 3 माह पहले रोशन चंद्राकर को दिल्ली से गिरफ्तार किया था। उस समय वह मिलर्स एसोसिएशन का कोषाध्यक्ष था.
जानिए क्या है कस्टम मिलिंग घोटाला
छत्तीसगढ़ में ED ने कस्टम मिलिंग स्कैम में मार्कफेड के पूर्व MD मनोज सोनी सहित 5 पर FIR दर्ज कराई है. आरोप है कि 140 करोड़ रुपए की अवैध वसूली की गई. इसमें अफसरों से लेकर मिलर्स एसोसिएशन के पदाधिकारी तक शामिल हैं. ED की जांच में ये पाया गया कि तत्कालीन जिला मार्केटिंग ऑफिसर प्रीतिका पूजा केरकेट्टा को मनोज सोनी ने रोशन चंद्राकर के माध्यम से निर्देश दिया था. इसमें कहा गया था कि उन्हीं राइस मिलर्स के बिल का भुगतान किया जाना है, जिन्होंने वसूली की राशि रोशन चंद्राकर को दे दी है. किन राइस मिलर्स को भुगतान किया जाना है, इसकी जानकारी संबंधित जिले के राइस मिलर्स एसोसिएशन के जरिए मिलती थी. रोशन चंद्राकर जिन मिलर्स की जानकारी प्रीतिका को देता था, उनका भुगतान कर बाकी मिलर्स की राशि रोक दी जाती थी.