छत्तीसगढ़ में अफसरशाही…. नाराज हाईकोर्ट ने की तल्ख़ टिप्पणी:शिक्षा सचिव से मांगा शपथपत्र, पूछा स्कूलों में शिक्षकों की पदस्थापना के लिए क्या किया?

छत्तीसगढ़ में अफसरशाही रवैए को लेकर एक तरफ हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने गहरी नाराजगी जताई है। वहीं, दूसरी तरफ बिलासपुर में जिला प्रशासन का रवैया उदासीन है। राजनांदगांव में DEO के छात्राओं को धमकाने पर हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने तल्ख़ टिप्पणी करते हुए शिक्षा सचिव से शपथपत्र के साथ जवाब मांगा है। पूछा है कि स्कूलों में शिक्षकों की पदस्थापना को लेकर क्या कार्रवाई की गई है।
दूसरी तरफ छात्राओं को जेल भेजने की धमकी देने वाली तहसीलदार पर शासन-प्रशासन ने अब तक कोई एक्शन नहीं लिया है। बल्कि, तहसीलदार उल्टा वायरल वीडियो को झूठलाने में लग गई हैं। उन्होंने बयानजारी कर कहा है कि उनकी छवि को धूमिल करने के लिए वीडियो को एडिट कर वायरल किया गया है।
चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस बीडी गुरु की डिवीजन बेंच ने जिला शिक्षाधिकारी के व्यवहार को अशोभनीय बताते हुए लेकर तल्ख टिप्पणी की है। डिवीजन बेंच ने नाराजगी जताते हुए कहा कि 4 सितम्बर को यह घटना घटी। उसके अगले दिन ‘शिक्षक दिवस’ था। जब छात्राएं स्कूल में शिक्षकों की पदस्थापना की मांग कर रहे थे। तब डीईओ का जो व्यवहार सामने आया है वह अशोभनीय और निदनीय है।

हाईकोर्ट ने स्कूल शिक्षा सचिव से शपथ पत्र के साथ मांगा जवाब
डिवीजन बेंच ने कहा कि जिला शिक्षाधिकारी के आचरण और व्यवहार पर विचार करते हुए स्कूल शिक्षा सचिव अपना व्यक्तिगत हलफनामा दायर करें, जिसमें यह बताया जाए कि छत्तीसगढ़ राज्य के उन स्कूलों में शिक्षकों की पदस्थापना के लिए राज्य सरकार ने क्या कदम उठाए हैं, जहां न्यूनतम या कोई शिक्षक नहीं हैं।
जनहित याचिका में हाईकोर्ट ने सचिव के साथ ही राजनांदगांव के कलेक्टर और डीईओ को भी पक्षकार बनाया है। दरअसल, डीईओ के इस व्यवहार को दैनिकभास्कर डिजिटल ने प्रमुखता प्रकाशित किया। जिसके बाद चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा ने इस गंभीरता से लेते हुए जनहित याचिका के रूप में सुनवाई शुरू की है। इस मामले की अगली सुनवाई 12 सितंबर को होगी।
क्या है पूरा मामला
डोंगरगढ़ स्थित सरकारी स्कूल की छात्राएं शिक्षकों की कमी होने की शिकायत लेकर DEO अभय जायसवाल के पास पहुंचीं थी। स्टूडेंट्स के मुताबिक तब DEO ऐप्लीकेशन देखकर भड़क गए- उन्होंने कहा, ये चिट्ठी लिखना किसने सिखा दिया।
इसके लिए जिंदगी भर जेल की हवा खाओगी। इसके बाद हम लोगों को चैंबर से बाहर निकाल दिया। छात्रा ने बताया कि, पिछले साल भी बिना टीचर के पास हुए हैं। अब बोर्ड परीक्षा है, कैसे एग्जाम देंगे। ऐप्लीकेशन में स्कूली बच्चों ने लिखा था- ‘3 दिन के अंदर शिक्षक व्यवस्था नहीं करने पर स्कूल में धरना प्रदर्शन करेंगे। स्कूल में ताला जड़ देंगे।’