छत्तीसगढ़

कांवड़ यात्रा पर यूपी सरकार के फैसले पर विवाद:देवबंद ने कहा-दूरियां और बढ़ेंगी; मुस्लिम जमात समर्थन में उतरा

यूपी में कांवड़ मार्गों पर पड़ने वाली दुकानों में दुकानदार को अपना नाम लिखना होगा। इसमें दुकान मालिक का नाम और डिटेल लिखी जाएगी। शुक्रवार को सीएम योगी ने यह आदेश दिया।

सरकार का कहना है कि कांवड़ यात्रियों की शुचिता बनाए रखने के लिए यह फैसला लिया है। इसके अलावा, हलाल सर्टिफिकेशन वाले प्रोडक्ट बेचने वालों पर भी कार्रवाई होगी। यूपी के बाद उत्तराखंड के हरिद्वार में भी यह आदेश लागू कर दिया गया है।

पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने इस फैसले को असंवैधानिक बताया। कहा- यह फैसला चुनावी लाभ के लिए है। यह प्रयास धर्म विशेष के लोगों का आर्थिक बायकॉट करने का है। वहीं, यूपी कांग्रेस प्रमुख अजय राय ने कहा- यह अव्यावहारिक कार्य है। इसको तत्काल निरस्त करना चाहिए।​​​​​​

यूपी में मुजफ्फरनगर पुलिस ने सबसे पहले दुकानों के बाहर दुकानदारों को अपना नाम लिखने का आदेश दिया था। पुलिस का तर्क था कि इससे कांवड़ यात्रियों में कंफ्यूजन नहीं होगा। मतलब, दुकानदार का धर्म पता चल सकेगा।

इस साल कांवड़ यात्रा

मेरठ जोन एडीजी डीके ठाकुर ने कहा- यह कोई नया आदेश नहीं है। इसका पिछले साल भी पालन कराया गया था। आदेश को लेकर कुछ भ्रम की स्थिति उत्पन्न की गई है।

मुजफ्फरनगर में पिछले साल कांवड़ियों ने एक ढाबे पर भोजन किया, बाद में पता चला कि उस ढाबे के मालिक मुस्लिम समुदाय के थे। ढाबे पर कहीं मालिक का नाम नहीं लिखा था। इससे उनके बीच रोष पैदा हो गया। ऐसी स्थितियों से बचने और काननू व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रशासन ने यह निर्णय लिया है। कांवड़ यात्रा के दौरान कांवड़ रूट पर जो भी इस तरह के खाद्य और पेय सामग्री की दुकानें हैं। जहां कांवड़िए भोजन ग्रहण करते हैं। उन सभी दुकानों पर मालिक का नाम और वहां काम करने वाले कर्मचारियों का नाम लिखा जाए। ताकि कोई भ्रम की स्थिति पैदा न हो। कांवड़िया नाम देखकर तय करें कि उन्हें वहां भोजन करना है या नहीं करना है। इसका उद्देश्य केवल यही है। इस आदेश का पूरे जोन में पालन कराएंगे।

22 जुलाई से शुरू हो रही है, जो 19 अगस्त तक चलेगी। यूपी में हर साल 4 करोड़ कांवड़िए हरिद्वार से जल उठाते हैं।

Related Articles

Back to top button