छत्तीसगढ़

भावुक हुईं देवेंद्र की पत्नी, बोलीं-कहा था लौटकर आऊंगा:श्रुतिका ने कहा-10 मिनट के लिए गए थे बलौदाबाजार; राजनीति का स्तर इतना नहीं गिरना चाहिए

उन्होंने कहा था मैं लौटकर आऊंगा। मैं बस उम्मीद कर रही हूं। मुझे ज्यूडिशियरी पर भरोसा है। एक पति को पत्नी से ज्यादा कोई नहीं जान सकता। ये किसी भी गलत चीजों में नहीं थे। और अगर सिर्फ गलत चीजों के खिलाफ आवाज उठाने के लिए ये सब हो रहा है तो ईश्वर देख रहे हैं, वो जरूर न्याय करेगा।

यह कहना है, भिलाई से कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव की पत्नी डॉ. श्रुतिका यादव का। बलौदाबाजार हिंसा मामले में देवेंद्र यादव 17 अगस्त से जेल में हैं। दो बार उनकी न्यायिक हिरासत बढ़ चुकी है। फिलहाल वह 3 सितंबर तक रायपुर जेल में ही रहेंगे।

इसके विरोध में कांग्रेस प्रदेश भर में आंदोलन कर रही है। ऐसे में  ने देवेंद्र की पत्नी से बात की। ये बलौदाबाजार गए थे। इसके बाद इतनी बड़ी घटना हो गई। ये समाज के लोगों के साथ खड़े थे। जो भी घटना हुई, उसकी जांच को लेकर के उन्होंने आवाज उठाई। आवाज उठाने के कारण उनको यह सब कुछ देखना पड़ रहा है।जो भी लोग देवेंद्र यादव को जानते हैं, उनसे जुड़े हुए हैं, उन सबका शुरू से कहना रहा है कि उनकी सामाजिक चीजों से जो छेड़खानी हुई थी, उसकी सीबीआई जांच की मांग कर रहे थे। सभी चाहते थे कि उसकी निष्पक्षता से उसकी जांच होती, लेकिन किसी भी कारणवश ये सब नहीं हुआ। मेरा बस ये कहना है कि हर काम का उसका अपना एथिक्स होता है, नैतिकता होती है, वो बनी रहनी चाहिए। मेरा बहुत दिनों से ये ऑब्जर्वेशन हैं। मुझे बस इतना कहना है कि वो चाहे किसी भी दल के हों, चाहे भाजपा हो, कांग्रेस हो, लेकिन राजनीति का स्तर इतना नहीं गिरना चाहिए।बलौदाबाजार की जिस दिन घटना हुई, उस दिन भी ये रायगढ़ जा रहे थे। उस बीच से 10 मिनट के लिए बलौदाबाजार गए। ये भी मुझे बोलकर गए थे। मैंने भी पूछा था कि रात को ट्रैवल क्यों करना। इन्होंने कहा था कि मैं वापस आऊंगा।

देवेंद्र मुझसे बोलकर गए थे कि, मेरे पीछे तुमको सब संभालना है, परिवार को संभालना है। और हमेशा ये बात कहते थे कि मेरा परिवार बहुत बड़ा है। जब मैं शादी होकर आई, तब मुझे पता चला कि ये परिवार किसे कहते थे।

कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव को 17 अगस्त को गिरफ्तार करने के बाद बलौदाबाजार पुलिस देर रात रायपुर जेल लेकर पहुंची थी। इस दौरान समर्थक जमकर हंगामा और नारेबाजी की थी।

विधायक देवेंद्र यादव की गिरफ्तारी बलौदाबाजार हिंसा मामले में हुई है। उन पर लोगों को भड़काने का आरोप है। इस मामले में बलौदाबाजार पुलिस ने 4 बार नोटिस जारी किया, लेकिन विधायक ने बयान देने जाने से मना कर दिया था।

उन्होंने कहा था कि पुलिस को बयान लेना है, तो उनके पास और लेकर जाए। कलेक्ट्रेट आगजनी मामले में पूछताछ के लिए तीसरा नोटिस मिलने पर देवेंद्र यादव ने बलौदबाजार जाकर पुलिस अधीक्षक से मुलाकात भी की थी।

वहीं बलौदाबाजार पुलिस के एक उच्चाधिकारी की माने तो पुलिस के पास देवेंद्र के खिलाफ गवाह हैं। कुछ लोगों के बयान हैं। इसके अलावा पुलिस के पास कुछ वीडियो भी हैं। इसको आधार बनाकर उन पर कार्रवाई की जा रही है।

गिरफ्तारी से पहले देवेंद्र यादव ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया था कि जेल में बंद सतनामी समाज के युवाओं को उनके खिलाफ जबरन बयान देने के लिए धमकाया जा रहा है। उनसे ये बोलने को कहा जा रहा है कि देवेंद्र यादव 12 गाड़ियों में भरकर लोगों के साथ आए थे।

देवेंद्र यादव ने कहा था-वो अपने राजनीतिक काम छोड़कर बार-बार बयान दर्ज कराने बलौदाबाजार नहीं आएंगे। अपना जवाब पुलिस को भेज दिया है। जरूरत पड़ने पर राज्यपाल से मुलाकात करूंगा। न्यायालय की सहायता से इसका सामना करूंगा।

15 मई को सतनामी समुदाय के धार्मिक स्थल गिरौदपुरी धाम से करीब 5 किमी मानाकोनी बस्ती स्थित बाघिन गुफा में लगे धार्मिक चिन्ह जैतखाम को देर रात क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। इसके बाद कार्रवाई की मांग उठी और लगातार लोकल स्तर पर प्रदर्शन हुए।

19 मई को पुलिस ने इस मामले में बिहार निवासी 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया। पूछताछ में पता चला कि नल-जल योजना कार्य में ठेकेदार पैसे नहीं दे रहा था। इसलिए शराब के नशे में आरोपियों ने तोड़फोड़ कर दी लेकिन इस कार्रवाई से समाज के लोग संतुष्ट नहीं थे।

इस बीच 10 जून को बलौदाबाजार में प्रदर्शन के दौरान अचानक से लोग उग्र हो गए और बवाल बढ़ता चला गया। हिंसा के दौरान कलेक्टर-एसपी दफ्तर में आगजनी की गई। कई गाड़ियां जला दी गई। इसके बाद कई जनप्रतिनिधि समेत करीब 200 लोगों की गिरफ्तारी हुई।

प्रदर्शन में एक वीडियो सामने आया जिसमें देवेंद्र यादव भी शामिल दिखे। इस मामले में उन्हें नोटिस जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया गया। एक बार वे पूछताछ के लिए बलौदाबाजार भी पहुंचे। इसके बाद 17 अगस्त को उनकी गिरफ्तारी हुई थी।

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