छत्तीसगढ़

जर्जर भवनों में संचालित हो रहे स्कूलों पर शिक्षा सचिव ने लिया संज्ञान, शाला भवनों के निरीक्षण और मरम्मत

 रायपुर में जर्जर भवनों में संचालित सरकारी स्कूलों में अव्यवस्था और बच्चों को हो रही परेशानियों की खबर को लल्लूराम डॉट कॉम ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था, जिसके बाद आज स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने सभी जिला कलेक्टरों को निर्देशित किया है कि जर्जर शाला भवनों में किसी भी स्थिति में कक्षाओं का संचालन न किया जाएं. इसके साथ ही स्कूलों का निरीक्षण कर शाला भवनों की मरम्मत के निर्देश भी दिए है.

स्कूल शिक्षा विभाग के सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने सभी जिला कलेक्टरों को प्रेषित अपने पत्र में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया है कि ऐसे शाला भवन जो जर्जर है, उन स्कूलों की कक्षाओं के संचालन के लिए फिलहाल वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में सामुदायिक भवन, अन्य शासकीय भवन का उपयोग किया जाए. शालेय बच्चों की सुरक्षा शासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है. उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारियों को समस्त शाला भवनों की अद्यतन स्थिति का 3 दिन के भीतर निरीक्षण करने और आवश्यकतानुसार मरम्मत और सुधार कराने के निर्देश दिए हैं.

स्कूल शिक्षा सचिव ने कहा है कि राज्य में 26 जून से नवीन शिक्षा सत्र प्रारंभ हो गया है और शालाओं में अध्ययन-अध्यापन शुरू हो चुका है. शाला प्रवेशोत्सव मनाया जा रहा है. शालाएं स्वच्छ और सुरक्षित हों यह सुनिश्चित करने जिला प्रशासन की प्राथमिक जिम्मेदारी है. उन्होंने कहा है कि विभिन्न माध्यमों से यह बात शासन के संज्ञान में आ रही है कि कुछ शालाएं अभी भी जर्जर भवनों में संचालित की जा रही है, जो किसी भी स्थिति में उचित नहीं है. उन्होंने अधिकारियों को इस बात कि सख्त हिदायत दी है कि जो शाला भवन जर्जर है, उनमें अध्ययन-अध्यापन कार्य न कराया जाए. ऐसे शाला भवन जो मरम्मत के लायक है, उनका जिला स्तर पर उपलब्ध डीएमएफ, सीएसआर या अन्य किसी निधि से मरम्मत कराएं.

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