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पहले प्यार..फिर शादी..3 बच्चे हुए तो छोड़ दिया:बेघर-बेसहारा हुई महिला, 20 सालों से पुलिसकर्मी पति का इंतजार; यात्री प्रतीक्षालय को बनाया आशियाना

दीवारों पर दरारें, उखड़ती छत, न बारिश से बचाव न गर्मी से राहत, न खाने को दाना और न ही बिजली। कमरा एक और यहां रह रहीं 3 जिंदगियां…इश्क की मार ने महिला को सड़क पर ला दिया। 24 साल पहले पुलिसकर्मी से प्यार हुआ, शादी की, 3 बच्चे भी हुए। लेकिन एक दिन पति महिला और बच्चों को छोड़ गया। अब बेसहारा महिला ने यात्री प्रतीक्षालय को अपना आशियाना बना लिया है।

इसी प्रतीक्षालय में रहकर पुलिसकर्मी पति के लौटने का इंतजार कर रही है। बच्चे अपने पिता का चेहरा तक नहीं जानते हैं, लेकिन, आंखों में आंसुओं के साथ गुस्सा और दिल में दर्द जरूर है। यही वजह है कि अब पिता की शक्ल भी देखना नहीं चाहते हैं। मां की ममता उन्हें बिन पिता जिंदगी जीने का हौसला दे रही है। महिला को उम्मीद है उनके बच्चों के पिता एक दिन जरूर लौटेंगे।

महिला घर-घर जाकर काम करती है।
महिला घर-घर जाकर काम करती है।

दरअसल, यह कहानी है बीजापुर जिले के कुटरू गांव की रहने वाली महिला अनिता (50) की। अनिता ने अपना दर्द बयां किया। आर्थिक तंगी के बीच बच्चों को पाली, तंबू में रहीं, अब यात्री प्रतीक्षालय में जिंदगी गुजार रही।

पढ़िए महिला की जुबानी उनकी दर्द भरी कहानी…

मैं इसी कुटरू गांव की रहने वाली हूं। पढ़ी लिखी नहीं हूं। लगभग 23-24 साल पहले इस गांव में ड्यूटी के लिए एक पुलिसकर्मी शिवनाथ भगत आए थे। वे छत्तीसगढ़ के जशपुर के पास स्थित लैलूंगा के रहने वाले थे। मेरी उनसे पहचान हुई थी।

हम दोनों के बीच प्यार हुआ। शादी करने का फैसला लिया और फिर गांव में ही शादी की। परिवार वाले शादी के खिलाफ थे। उन्होंने मुझसे वादा किया था कि, जिंदगी भर साथ दूंगा। नौकरी जहां भी रहे साथ लेकर जाऊंगा।

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