ऐसे कैसे टीबी मुक्त होगा छत्तीसगढ़ : दावों के बीच दवाइयां खत्म, स्वस्थ लोग भी बन रहे शिकार
![](https://aakashtimes.com/wp-content/uploads/2024/05/Untitled-509-780x470.png)
रायपुर। स्वास्थ्य विभाग ने साल 2025 तक छत्तीसगढ़ को पूर्ण रूप से टीबी मुक्त कराने का लक्ष्य रखा है। प्रदेशभर में लगातार तेजी से सामने आ रहे टीबी के मामलों ने चिंताएं बढ़ा दी है। दूसरी तरफ सरकारी अस्पतालों में निशुल्क मिलने वाली दवाएं भी खत्म हो रही हैं। इसकी वजह से टीबी मरीजों में एमडीआर (मल्टी ड्रग रेजिस्टेंट) का असर हो रहा है। इसमें मृत्युदर 60 प्रतिशत तक है। वहीं कोरोना की तरह फैलने से यह स्वस्थ लोगों को भी अपना शिकार बना रहा है।
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के की माने तो प्रदेश में साल 2024 में जनवरी से मई यानि पिछले 5 महीनों में टीबी के 13,264 नए मरीज मिले हैं। वहीं अब तक 532 से ज्यादा एमडीआर केस की पहचान की गई है और अब भी ऐसे कई केस हैं, जिनकी पहचान नहीं की जा सकी है।
जिले में टीबी की 15 दिनों की ही दवाइयां बाकी
रायपुर जिले के सीएमएचओ डॉ. मिथलेश चौधरी ने कहा कि, जिले में 15 दिन की दवाएं बची है। दवाई की किल्लत को दूर करने का प्रयास किया जा रहा है। टीबी मुक्त के दावों के बीच दवाओं के स्टॉक का न होना ये बता रहा है कि, हालात बेहद खराब हो चले हैं। वहीं बढ़ते मरीजों को लेकर शासन-प्रशासन में इसकी कोई सुध लेने वाला नहीं है। 1 जनवरी से 9 मई साल 2024 तक टीबी के 13264 नए मरीज मिले हैं। 28 मई की तारीख तक राजधानी रायपुर में 2741 मरीज मिले हैं जबकि वर्ष 2023 तक तक प्रदेश में 38,826 टीबी मरीज मिले हैं।
जानें जनवरी से मई 2024 में किन जिलों में कितने मरीज मिले
बालोद -285, बलौदाबाजार 416, बलरामपुर 268, बस्तर 4778] बेमेतरा 272, बीजापुर 193, बिलासपुर 958 , दंतेवाड़ा 254, धमतरी 490, दुर्ग 1359, गरियाबंद 258, गौरेला पेड्रा मरवाही- 113, जांजगीर चांपा 329, जशपुर 388, कबीरधाम 312, खैरागढ़ छुई खदान गंडई-120, कोण्डागांव 239, कोरबा 625, कोरिया 94, महासमुंद 526] मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी 147, मोहला मानपुर 103, मुंगेली-261, नारायणपुर 109, रायगढ़ 712, रायपुर 1789, राजनांदगांव 390, सक्ती 236, सारंगढ़ -265, सरगुजा 486, सुकमा 225. सुरजपुर 222।