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चुनावी नतीजों से पहले INDIA गठबंधन ने 1 जून को बुलाई बैठक

लोकसभा चुनाव के सातवें चरण के मतदान के दिन 1 जून को इंडिया ब्लॉक (INDIA ALLIANCE) की दिल्ली (Delhi) में अहम बैठक होगी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने 1 जून को इंडिया ब्लॉक के घटक दलों के प्रमुख नेताओं की बैठक बुलाई है। बैठक में लोकसभा चुनाव पर चर्चा और चुनाव अभियान की समीक्षा की बात कही जा रही है। हालांकि राजनीति पंडित इसके कुछ और ही मायने निकाल रहे हैं। राजनीति पंडितों का मामना है कि ये बैठक सिर्फ चर्चा और समीक्षा तक सीमित है ब्लकि चुनाव परिणाम को लेकर है। आइए जानते हैं क्या है इस बैठक के राजनीति मायने और क्या यह बीजेपी के लिए कोई खतरे की घंटी हैबता दें कि शुरुआत में चुनाव चुनावी पंडित इसे बीजेपी के पक्ष में एकतरफा मान रहे थे। हालांकि विभिन्न चरणों में मतदान के बाद ये ट्रेंड बदलने लगा। अब मान रहे हैं कि बीजेपी की सीट शेयरिंग 2019 लोकसभा चुनाव की अपेक्षा घटेगी। हालांकि फिर भी मोदी सरकार के तीसरी बार सरकार बनाने की बात भी कह रहे हैं। वहीं कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के नेता दावा कर रहे हैं कि एनडीए बहुमत हासिल नहीं कर पाएगा और इंडिया गठबंधन सरकार बनाएगा। कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से लेकर राहुल गांधी, आम आदमी पार्टी के प्रमुख अरविंद केजरीवाल, सपा प्रमुख अखिलेश यादव और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव सहित विपक्षी नेता इंडिया गठबंधन की सरकार बनाने की बात कर रहे हैं। इंडिया गठबंधन ने बैठक को लेकर स्पष्ट तौर पर अभी कुछ भी नहीं कहा है। हालांकि बैठक उस दिन रखी गई है, जिन दिन आम आदमी पार्टी के संयोजक और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत का आखिरी दिन है। लिहाजा सियासी पंडितों का मामना है कि बैठक में केजरीवाल को लेकर कुछ बड़ा निर्णय हो सकता है। इंडिया गठबंधन के विभिन्न सियासी दल भले ही दिल्ली में हाथ में हाथ थामे एक होने का नारा देते हैं या साथ में फोटो खिंचवाते हैं लेकिन सच्चाई यह भी है कि इनके दिलों की दूरियां मिट नहीं पाई है। इंडिया गठबंधन की नींव रखने वाले बिहार सीएम नीतीश कुमार अब बीजेपी में शामिल हो चुके हैं। पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और टीएमसी अगल-अलग चुनाव लड़ रही है। वहां दोनों पार्टियां एक दूसरे को देखना नहीं चाहती हैं। वहीं पंजाब में आम आदमी पार्टी और जम्मू कश्मीर में महबूबा मुफ्ती की पार्टी पीडीपी भी अकेले चुनाव मैदान में उतर गई। लेफ्ट तमिलनाडु से बंगाल तक कांग्रेस के साथ गठबंधन कर चुनाव लड़ रही है तो वहीं आम आदमी पार्टी भी पांच राज्यों में ग्रैंड ओल्ड पार्टी के साथ गठबंधन में है। . 1 जून को बैठक बुलाने के पीछे चुनाव प्रचार के दौरान की तल्खियां दूर करना हो सकता है।

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