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इस्तीफे पर केजरीवाल बोले- लांछन के साथ नहीं जी सकता:ईमानदार लगूं तो वोट देना; भागवत से पूछा- मोदी के लिए 75 साल में रिटायरमेंट क्यों नहीं

आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने रविवार (22 सितंबर) को दिल्ली के जंतर-मंतर पर जनसभा की। उन्होंने 2011 में हुए अन्ना आंदोलन और पहली बार चुनाव जीतने की घटना का जिक्र किया। कहा- हम पहली बार में ही ईमानदारी के दम पर सत्ता में आ गए।

इस्तीफे पर केजरीवाल ने कहा- सत्ता और कुर्सी का लालची नहीं हूं। भाजपा ने भ्रष्टाचारी और चोर कहा तो दुख हुआ। लांछन के साथ कुर्सी तो क्या सांस भी नहीं ले सकता हूं, जी भी नहीं सकता। अगला दिल्ली चुनाव मेरी अग्नि परीक्षा है, अगर ईमानदार लगूं तो ही वोट देना।

AAP संयोजक ने संघ प्रमुख मोहन भागवत से 5 सवाल पूछे। कहा- जब 75 साल में लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और कलराज मिश्र जैसे नेताओं को रिटायर कर दिया तो ये नियम मोदी पर लागू क्यों नहीं। अमित शाह कह रहे हैं कि मोदी पर लागू नहीं होगा। भागवत जी जवाब दीजिए।

दिल्ली शराब नीति केस में 13 सितंबर को जमानत पर बाहर आने के बाद केजरीवाल ने 17 सितंबर को CM पद से इस्तीफा दे दिया था। 21 सितंबर को आतिशी दिल्ली की नई मुख्यमंत्री बन गईं।

जनता की अदालत कार्यक्रम में दिल्ली CM आतिशी भी पहुंचीं। उनके साथ मनीष सिसोदिया और सौरभ भारद्वाज भी मौजूद रहे।
जनता की अदालत कार्यक्रम में दिल्ली CM आतिशी भी पहुंचीं। उनके साथ मनीष सिसोदिया और सौरभ भारद्वाज भी मौजूद रहे।
मुझे आज भी याद है। 4 अप्रैल 2011 का दिन था, जब आजाद भारत का भ्रष्टाचार विरोधी सबसे बड़ा आंदोलन यहां जंतर-मंतर से शुरू हुआ था। उस वक्त की सरकार अहंकारी थी। चैलेंज करते थे कि चुनाव जीतकर दिखाओ। हम छोटे थे, चुनाव के लिए पैसा चाहिए था, गुंडे चाहिए थे, आदमी चाहिए थे। हम कैसे लड़ते हमारे पास कुछ नहीं था। हम भी चुनाव लड़ लिए, जनता ने जिता दिया, पहली बार में आम आदमी पार्टी की सरकार बना दी। हमने साबित कर दिया कि ईमानदारी से चुनाव लड़े जा सकते हैं और जीते भी जा सकते हैं।
दिल्ली के अंदर 10 साल से ईमानदारी से सरकार चला रहे थे और पैसे बचा रहे थे। षड्यंत्र रचकर इन लोगों ने हमारे एक-एक नेता को जेल में डाल दिया। हम जेल से बाहर आ गए और इसके बाद मैंने इस्तीफा दे दिया। मैंने इस्तीफा इसलिए दिया क्योंकि मैं भ्रष्टाचार करने नहीं आया था, मुझे सीएम पद की, सत्ता की भूख नहीं है। मैं पैसे कमाने नहीं आया था। देश के लिए आए थे, भारत माता के लिए आए थे, देश की राजनीति बदलने आए थे।
केजरीवाल ने कहा- 10 साल में 10 बंगले, 10 प्लॉट हो जाते। मैंने कुछ नहीं कमाया। आज जब मैं घर छोड़ूंगा तो लोगों के फोन आ रहे हैं मेरे पास मेरा घर ले लो। हम पैसा नहीं लेंगे। श्राद्ध खत्म होने के बाद नवरात्रि शुरू होगी तो मैं घर छोड़ दूंगा और आपके पास ही आकर रहूंगा। मैंने मन में सोचा था कि जब तक कोर्ट बरी नहीं कर देती मैं दोबारा कुर्सी पर नहीं बैठूंगा। वकीलों ने कहा कि 8-10 साल चलेगा केस, तो मैंने तय किया कि जनता की अदालत में जाऊंगा, वो बताएगी कि मैं ईमानदार हूं।
आने वाला चुनाव मामूली नहीं है, ये केजरीवाल की अग्नि परीक्षा है। ईमानदार लगता हूं तो ही वोट देना। ये झाड़ू अब चुनाव चिह्न नहीं है, ये आस्था का प्रतीक है। जब एक आदमी वोट डालने जाता है और झाड़ू का बटन दबाता है तो आंख बंद करके पहले भगवान का नाम लेता है। सोचता है कि ईमानदार सरकार बनाने जा रहा है। आपके बीच आया हूं कि क्या केजरीवाल चोर है या केजरीवाल को जेल भेजने वाले चोर हैं। ये आपको तय करना है।
आतिशी ने दिल्ली CM पद की शपथ लेने के बाद केजरीवाल के पैर छुए।
आतिशी ने दिल्ली CM पद की शपथ लेने के बाद केजरीवाल के पैर छुए।

आतिशी ने शनिवार को दिल्ली की 9वीं मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। राजनिवास में उपराज्यपाल (LG) विनय सक्सेना ने उन्हें शपथ दिलाई। शपथ के बाद आतिशी ने अरविंद केजरीवाल के पैर छुए।

वे ​​​​​दिल्ली की सबसे युवा (43 साल) CM हैं। इससे पहले केजरीवाल 45 साल की उम्र में CM बने थे। आतिशी बतौर महिला सुषमा स्वराज और शीला दीक्षित के बाद दिल्ली की तीसरी महिला CM हैं।

आतिशी ने शिक्षा, PWD और वित्त समेत 13 विभाग अपने पास रखे। वहीं, सौरभ भारद्वाज को हेल्थ समेत 8 प्रमुख विभाग का जिम्मा दिया गया। आतिशी कालकाजी सीट से तीन बार की विधायक हैं।

17 सितंबर को केजरीवाल ने उपराज्यपाल को इस्तीफा सौंपा और आतिशी ने नई सरकार बनाने का प्रस्ताव पेश किया।
17 सितंबर को केजरीवाल ने उपराज्यपाल को इस्तीफा सौंपा और आतिशी ने नई सरकार बनाने का प्रस्ताव पेश किया।

केजरीवाल ने 17 सितंबर की शाम उपराज्यपाल (LG) को सीएम पद से इस्तीफा सौंपा था। उनके साथ आतिशी और 4 मंत्री मौजूद रहे। इसके बाद आतिशी ने नई सरकार बनाने के लिए दावा पेश किया था।

इसके बाद आतिशी ने कहा कि अगले चुनाव तक मेरे पास सिर्फ दो काम हैं। पहला- दिल्ली के लोगों की भाजपा के षड्यंत्र से रक्षा करना। दूसरा- केजरीवाल को फिर से सीएम बनाना।

  • दिल्ली शराब नीति केस में अरविंद केजरीवाल 177 दिन बाद जमानत पर जेल से बाहर आए। सुप्रीम कोर्ट ने शर्त रखी कि वे CM ऑफिस नहीं जाएंगे और न ही किसी फाइल पर साइन करेंगे। यानी जेल से बाहर आने और मुख्यमंत्री रहते हुए भी उनके पास पावर नहीं रही।
  •  दिल्ली विधानसभा का कार्यकाल फरवरी 2025 में खत्म हो रहा है। यानी सरकार के पास चुनाव में सिर्फ 5 महीने ही बचे हैं। इस दौरान सरकारें लोक-लुभावन चुनावी फैसले लेती हैं। केजरीवाल कोर्ट की शर्तों में बंधे हैं। जेल से छूटने के बाद केजरीवाल के साथ सहानुभूति है। दो-तीन महीने पहले दिल्ली में चुनाव की मांग कर केजरीवाल इसे भुनाना चाहेंगे।

 

  •  दिल्ली शराब नीति केस में नाम आने और गिरफ्तारी के बाद से ही भाजपा के नेता अरविंद केजरीवाल से मुख्यमंत्री पद छोड़ने की मांग कर रहे थे। इस्तीफा देने के बाद वे भाजपा नेताओं को सीधे कह सकेंगे कि सिर्फ आरोप रहते उन्होंने मुख्यमंत्री पद छोड़ दिया। अब उनकी ईमानदारी का फैसला जनता करेगी।

21 मार्च 2024 को शराब नीति केस में ED ने दो घंटे की पूछताछ के बाद केजरीवाल को उनके घर से गिरफ्तार किया था। 177 दिन बाद सुप्रीम काेर्ट ने 13 सितंबर 2024 को उन्हें जमानत दी थी।

  • मार्च 2024 में वर्ल्ड हिंदू फेडरेशन ने आरोप लगाया कि अरविंद केजरीवाल की पार्टी ने 2014 से 2022 के बीच खालिस्तानी आतंकी समूहों से 133 करोड़ रुपए लिए थे, ताकि देवेंद्र पाल भुल्लर की रिहाई कराई जा सके। इसके बाद वीके सक्सेना ने दिल्ली CM अरविंद केजरीवाल के खिलाफ NIA जांच की सिफारिश की। हालांकि आप ने आरोपों का खंडन किया था।

 

  •  2021 में केजरीवाल सरकार नई शराब नीति लाई। जुलाई 2022 में LG ने इसमें गड़बड़ी बताते हुए CBI जांच की सिफारिश की। अगस्त 2022 में ED-CBI ने केस दर्ज किए। केजरीवाल को ED और CBI ने गिरफ्तार किया, उन्हें घोटाले का मास्टरमाइंड बताया। जुलाई में ED और सितंबर में CBI केस में सुप्रीम कोर्ट ने जमानत दे दी। वे करीब 177 दिन तिहाड़ जेल में रहे।

 

  •  11 मई 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने अफसरों की ट्रांसफर-पोस्टिंग कंट्रोल का अधिकार दिल्ली सरकार को दिया। साथ ही कहा कि दिल्ली LG राज्य सरकार की सलाह पर ही काम करेंगे। यह आदेश आने के कुछ देर बाद CM अरविंद केजरीवाल ने सर्विस सेक्रेटरी आशीष मोरे को हटा दिया था। LG ने आशीष मोरे के खिलाफ लिए गए इस फैसले पर रोक लगा दी है। फिलहाल मामला सुप्रीम कोर्ट में है।

ठग सुकेश चंद्रशेखर ने दिल्ली LG सक्सेना को लिखी चिट्ठी में कहा है कि उसने करोलबाग में एक प्रोजेक्ट दिलाने के गिफ्ट के तौर पर घर के रिनोवेशन के लिए फर्नीचर भेजा था। इसमें राल्फ लॉरेन और विजनायर ब्रांड का फर्नीचर भी शामिल था। इसके अलावा 90 लाख रुपए की चांदी की क्रॉकरी भी उन्हें दी।

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