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9 गांव के लोगों ने किया चुनाव बहिष्कार का ऐलान:कोरबा में कोयला खदान के लिए ली गई जमीन; लेकिन न मिला मुआवजा न नौकरी

कोरबा जिले के 9 गांवों के भू-विस्थापितों ने 7 मई को मतदान का बहिष्कार करने का ऐलान किया है। दरअसल साउथ ईस्टर्न कोल फील्ड्स लिमिटेड ने ग्रामीणों की पुश्तैनी जमीन का कोयला खदान संचालित करने के लिए अधिग्रहण तो किया, लेकिन वादे के मुताबिक उन्हें नौकरी और मुआवजा नहीं दिया गया।

गांववालों ने अधिकारियों के काफी चक्कर लगाए, लेकिन उनकी समस्याओं पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। न तो उन्हें उनकी जमीन का मुआवजा ही मिला और न नौकरी। अब 9 गांवों के नाराज भू-विस्थापितों ने चुनाव बहिष्कार का ऐलान किया है।

कोरबा जिले के 9 गांवों के भू-विस्थापितों ने 7 मई को मतदान का बहिष्कार करने का ऐलान किया है।
कोरबा जिले के 9 गांवों के भू-विस्थापितों ने 7 मई को मतदान का बहिष्कार करने का ऐलान किया है।

साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड कुसमुंडा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले 9 गांवों के भू-विस्थापितों ने बैठक कर ये फैसला लिया है। पाली पड़निया में आयोजित इस बैठक में खदान के कारण प्रभावित हुए जटराज, सोनपुरी, खोडरी, आमगांव, खैरभवना, कनवेरी, रिसदी, दुरपा के लोगों ने भाग लिया। बैठक में इस बात को लेकर नाराजगी जताई गई कि देश के लिए कोयला की जरूरत की बात कर उनकी जमीन नाममात्र की राशि में ले ली गई। उन्हें नौकरी और भूमि विस्थापन का अन्य लाभ नहीं दिया गया।

भू-विस्थापितों ने की बैठक।
भू-विस्थापितों ने की बैठक।

यहां तक कि अभी भी कई परिवार ऐसे हैं, जिन्हें मुआवजा तक नहीं दिया गया है। वे लंबे समय से न्याय की मांग कर रहे हैं, लेकिन उनकी ओर ना तो एसईसीएल प्रबंधन का ध्यान है और ना ही जिला प्रशासन का। इतना ही नहीं जनता के वोट मांगने वाले नेता भी भू-विस्थापितों की समस्या को लेकर आंख बंद किए हुए हैं। बता दें कि कोरबा में तीसरे चरण में 7 मई को मतदान होना है। यहां बीजेपी प्रत्याशी सरोज पांडेय और कांग्रेस प्रत्याशी ज्योत्सना महंत के बीच सीधा मुकाबला है।

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