छत्तीसगढ़

पुलिस भेष बदलकर 4 महीने इंदौर में रही

दुर्ग छत्तीसगढ़ की पुलिस चोर को पकड़ने के लिए 4 महीने तक मध्यप्रदेश के इंदौर में भेष बदलकर रही। किराए का मकान लेने के बहाने पुलिस आरोपी के घर तक पहुंची, लेकिन उसे भनक लगने ही वो भाग निकला। हालांकि, सोना खरीदार का मिडिएटर पकड़ा गया। इससे पहले भी 2 लोगों की गिरफ्तारी हुई थी।

दरअसल, दुर्ग के रसमड़ा में हुई 60 लाख से अधिक की डकैती और NSPCL कॉलोनी में चोरी करने वाले गिरोह का खुलासा किया है। एसपी जितेंद्र शुक्ला ने बताया कि, पिछले 7 से 8 जून की रात आरोपियों ने एनएसपीसीएल कॉलोनी में चोरी की। इसी गिरोह ने अंजोरा चौकी के रसमड़ा निवासी दिलीप टिंबर के यहां भी डकैती की थी।

एसपी ने एसआईटी का गठन किया। जब मामले की जांच की तो उन्हें पता चला कि, दोनों वारदातों को एक ही गिरोह ने अंजाम दिया है। जो मध्यप्रदेश के धार जिले से हैं। जिसके बाद एक टीम को धार, झाबुआ और अलीराजपुर जिले में कैंप कराया गया। तब डकैती करने वालों का एक गिरोह का सुराग मिला। इनका माल व्यापारी कपिल जैन खरीदता है।

राजेंद्र के पास से सोने-चांदी के ज्वेलरी जब्त किए गए हैं।
राजेंद्र के पास से सोने-चांदी के ज्वेलरी जब्त किए गए हैं।

गिरोह में ये आरोपी हैं शामिल

पुलिस को पता चला कि, इस पूरे गिरोह में दीपक सेंगर, अनिल चौहान, अनिल बघेल और गणपत डावर जैसे लोग शामिल हैं। दुर्ग में चोरी और डकैती से काफी सोने-चांदी के गहने मिले थे। इसे आशीष पटलिया ने कपिल जैन को बेचा था।

पुलिस ने जब कपिल और आशीष के बारे में जानकारी जुटाई, तो पता चला कि आशीष गुरू-नानक कॉलोनी राजाबाग इंदौर में छुपकर रह रहा है। एसपी ने क्राइम डीएसपी हेम प्रकाश नायक को एसीसीयू की टीम के साथ वहां भेजा। नायक और उनकी टीम आशीष के घर तक पहुंची।

आशीष भागा, राजेंद्र पकड़ाया

आरोपियों से पुलिस ने कहा कि, यहां एक मेला लगने वाला है। जिसमें वो भी आएंगे। इसलिए एक महीने के लिए किराए से मकान चाहिए। इससे पहले की पुलिस आशीष को पकड़ पाती वो भाग गया। लेकिन उसका साथी राजेंद्र कटार को पुलिस ने धर दबोचा।

आशीष की पुलिस वालों और थाने में है अच्छी सेटिंग

दुर्ग एसपी जितेंद्र शुक्ला ने बताया कि, आशीष पटलिया की इंदौर के थानों और पुलिस वालों से अच्छी पकड़ है। दुर्ग पुलिस उसके बारे में थाने पूछताछ करने पहुंची थी। किसी ने टीम के लोगों की फोटो खींचकर आशीष को भेज दिया और बता दिया कि दुर्ग पुलिस उन लोगों को खोज रही है। इसलिए टीम के घर पहुंचते ही आशीष उन्हें पहचान गया और धोखा देकर भाग गया।

राजेंद्र ने बताया कि किस तरह चलता है सिंडिकेट

पूछताछ में राजेंद्र कटार ने पुलिस ने को बताया कि, आशीष पाटलिया कपिल जैन का एजेंट है। वो उसी के लिए काम करता है। भंगुडावर, जगदीश मोहनिया, भूरसिंह दीपक सेंगर, अनिल चौहान, अनिल बघेल, गणपत डावर और बाकी लोगों के साथ मिलकर चोरी और डकैती करते हैं।

इसके बाद सोने-चांदी के जेवरों को कपिल जैन तक पहुंचाया जाता है। कपिल के कहने पर गहनों को गलाकर उसकी सिल्ली बनाई जाती थी। आरोपी राजेंद्र की निशानदेही पर पुलिस ने आशीष पटलिया के छुपने वाले संभावित ठिकाने पर छापेमारी की। इस दौरान टीम धार के अमझेरा गांव भी पहुंची। लेकिन आरोपी वहां से भाग गया था।

पुलिस ने एनएसपीसीएल और रसमड़ा डकैती में गए सोने और चांदी की लगभग पूरी रिकवरी कर ली है। पुलिस ने आरोपी राजेंद्र कटार के कब्जे से लगभग 50 लाख का सोना और चांदी के आबूषण और सिल्ली जब्त किया है। इसमें 600 ग्राम सोने के सिल्ली और 340 ग्राम चांदी शामिल है।

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