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25 साल बाद चुनावी मैदान में सारंगढ़ राजपरिवार:कांग्रेस कैंडिडेट मेनका सिंह की बेटी बोली – हम महलों में रहने वाले आदिवासी

रायगढ़ सीट से कांग्रेस प्रत्याशी डॉ. मेनका देवी सिंह का परिवार इसी लोकसभा क्षेत्र के सारंगढ़ में गिरिविलास पैलेस में रहता है। लाल दीवारों वाला ये महल बाहर से जितना खूबसूरत दिखाई देता हैं, भीतर से उतने ही राजनीतिक इतिहास समेटे हुए हैं। यहां रहने वाले राजपरिवार के सदस्य खुद को आदिवासी बताते हैं।

दरअसल, सारंगढ़ राजघराना आजादी के पहले से ही कांग्रेस से जुड़ा हुआ था। डॉ. मेनका देवी के पिता राजा नरेशचंद्र सिंह ने 1952 से 1968 तक अविभाजित मध्य प्रदेश में कांग्रेस सरकार में मंत्री के रूप में कार्य किया था। वे अविभाजित मध्य प्रदेश के एकमात्र मुख्यमंत्री थे जो आदिवासी समुदाय से थे। नरेशचंद्र सिंह को केवल 13 दिनों के लिए मुख्यमंत्री बनाया गया था।

नरेशचंद्र सिंह पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु के साथ एक कार्यक्रम के दौरान।
नरेशचंद्र सिंह पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु के साथ एक कार्यक्रम के दौरान।

मेनका देवी के परिवार के सदस्य भी रहे हैं सासंद-विधायक

मेनका देवी की मां ललिता देवी 1969 में पुसौर विधानसभा सीट (रायगढ़ जिला) से निर्विरोध विधायक चुनी गईं। राजा नरेशचंद्र की पांच बेटियों में मेनका देवी तीसरी बेटी हैं। उनकी बेटी रजनीगंधा 1967 में रायगढ़ से सांसद रहीं और दूसरी बेटी पुष्पा देवी सिंह ने 1980, 1984 और 1991 में रायगढ़ लोकसभा सीट जीतीं।

मेनका देवी की दूसरी बहन कमला देवी 18 वर्षों तक विधायक रहीं और अविभाजित मध्य प्रदेश में 15 सालों तक मंत्री रहीं। पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी 1998 में रायगढ़ सीट जीतने वाले आखिरी कांग्रेस उम्मीदवार थे।

सारंगढ़ राजपरिवार की सदस्य और नरेन्द्र सिंह की बेटी मेनका देवी सिंह रायगढ़ लोकसभा से प्रत्याशी हैं।
सारंगढ़ राजपरिवार की सदस्य और नरेन्द्र सिंह की बेटी मेनका देवी सिंह रायगढ़ लोकसभा से प्रत्याशी हैं।

25 साल बाद राजनीति में फिर एंट्री

चुनावी राजनीति से 25 सालों की दूरी के बाद छत्तीसगढ़ में सारंगढ़ राजपरिवार को इस लोकसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने का मौका मिला है। यहां के राजनीतिक रूप से प्रभावशाली गोंड राज परिवार की सदस्य डॉ. मेनका देवी सिंह को कांग्रेस ने अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित रायगढ़ लोकसभा सीट से मैदान में उतारा है।

उनका मुकाबला यहां बीजेपी से नए चेहरे राधेश्याम राठिया से है। इस चुनाव में मेनका देवी एक मात्र राजपरिवार की सदस्य हैं। इन 25 सालों में राजपरिवार कहां रहा और फिर इस चुनावी एंट्री को लेकर मेनका देवी सिंह की बेटी कुलिशा देवी से दैनिक भास्कर ने खास बातचीत की।

सवाल – 25 सालों तक राज परिवार की इलेक्शन से दूरी क्यों रही।

जवाब – 25 सालों तक इलेक्शन से दूरी जरूर रही है लेकिन इन 25 सालों में राजनीति या लोगों की सेवा करने से कोई दूरी नहीं रही। इतने समय तक जो मेहनत हमारे परिवार ने की है, यह उसी का फल है कि पार्टी को लगा के हमारे परिवार से मेनका देवी सिंह यहां से बेस्ट कैंडिडेट रहेंगी।

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