छत्तीसगढ़

Teachers’s Day Special: छत्तीसगढ़ की दिव्यांग शिक्षिका को राष्ट्रपति करेंगी सम्मानित, शिक्षा के क्षेत्र में किया है सराहनीय काम

दुर्ग. देशभर में 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के रुप में मनाया जाता है. वहीं इस दिन देशभर के 50 शिक्षकों को उत्कृष्ठ योगदान के लिए राष्ट्रपति सम्मान से सम्मानित किया जाएगा. छत्तीसगढ़ से इस साल भिलाई की दिव्यांग शिक्षिका के. शारदा को इस सम्मान के लिए चुना गया है.

बता दें, दुर्ग जिले की के. शारदा प्रदेश की पहली दिव्यांग शिक्षक हैं, जिन्हें शिक्षक दिवस पर राष्ट्रपति पुरस्कार मिलने जा रहा है. 5 सितंबर को राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु उन्हें राष्ट्रीय शिक्षक सम्मान से  सम्मानित करेंगी। यह सम्मान उन्हें उनके शिक्षा और छात्रों के प्रति समर्पित भाव से कार्य करने और उनके इनोवेशन के लिए दिया जा रहा है.

कहते हैं कुछ कर दिखाने का मन में हौसला हो, तो कठिन परिस्थितियों में भी आगे बढ़ने के रास्ते मिल जाते है. के. शारदा ने इस बात को सच कर दिखाया है. वह वर्तमान में दुर्ग जिले के खेदामारा की शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला में गणित की टीचर हैं. शारदा ने शिक्षा के क्षेत्र में नवाचार से छात्रों के सीखने की क्षमता में एक बड़ा बदलाव लाया है.

के. शारदा का कहना है कि सरकारी स्कूलों में अगर शिक्षक चाहे तो कम संसाधन में भी अच्छी शिक्षा बच्चो को दी जा सकती है. हमें हर बात के लिए सरकार पर निर्भर नहीं होना चाहिए. के. शारदा ने बताया कि अपनी स्कूली शिक्षा के दौरान लोगों ने उन्हें कभी आगे आने का मौका नहीं दिया, लेकिन शिक्षिका बनने के बाद अपने छात्रों को नई तकनीक से पढ़ाने के लिए उन्होंने नवाचार किया.

उन्होंने बताया कि कोविड के दौरान उनके जीवन में बड़ा बदलाव आया. कोविड के दौरान उसने टीचिंग-लर्निंग-मटेरियल के जरिए गणित के अलग-अलग टॉपिक पर वीडियो बनाना शुरू किया. जो प्रदेशभर में काफी पसंद किया जाने लगा. वहीं उन्होंने ऑडियो-वीडियो बुक्स, ई-कंटेट, पीडीएफ बनाकर खेल-खेल में पढ़ाई को आसान बनाया.

के. शारदा ने पाठ्यक्रम को आसान बनाने 20 अलग-अलग विषय पर किताबें लिखी. इनमें से कुछ किताबें प्रदेश की सरकारी स्कूल में बतौर पाठ्यक्रम में शामिल किया गया है. इससे पहले शारदा पिछले वर्ष राज्यपाल सम्मान से भी सम्मानित हो चुकी है.बता दें 5 सितंबर 1888 को भारत के विद्वान शिक्षक, भारत के पहले उपराष्ट्रपति और दूसरे राष्ट्रपति रह चुके डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ था. उनको देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान “भारत रत्न” से सम्मानित किया गया था। उनके द्वारा एजुकेशन क्षेत्र में किये गए कार्यों को ध्यान में रखते हुए 1962 से हर साल उनकी जयंती के दिन यानी 5 सितंबर को शिक्षक दिवस को जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है.

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button