छत्तीसगढ़

इस बार नवरात्र में बन रहा विशेष संयोग पालकी पर सवार होकर आएंगी मां अम्बे

शारदीय नवरात्र विशेष संयोग लिए हुए रहेगा। मां अंबे अपने भक्तों के बीच पालकी पर सवार होकर आएंगी तो मुर्गे की सवारी कर लौटेंगी। पंचांग के अनुसार नवरात्र में अष्टमी युक्त नवमी और नवमी युक्त दसमीं आ रही है, यानी एक ही दिन अष्टमी और नवमी का समय रहेगा। वहीं 12 अक्टूबर को नवमी और दसवीं मनाई जाएगी।

शारदीय नवरात्र की शुरुआत 3 अक्टूबर से हो रही है। आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि को देर रात 12 बजकर 18 मिनट से शुरू होगी और 4 अक्टूबर को देर रात 2 बजकर 58 मिनट पर समाप्त होगी। ज्योतिषी पं. दशरथनंदन द्विवेदी के अनुसार पहले दिन यानी घटस्थापना पर दुर्लभ इंद्र योग बना रहा है। इसका समापन 4 अक्टूबर को सुबह 4 बजकर 24 मिनट पर होगा। इसके अलावा, आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि पर शिववास योग का निर्माण हो रहा है। इस दिन भगवान शिव कैलाश पर जगत की देवी मां गौरी के साथ विराजमान रहेंगे। इन योग में जगत जननी आदिशक्ति मां दुर्गा की पूजा करने से सकल मनोरथ सिद्ध होंगे, ऐसी मान्यता है।

घटस्थापना सुबह से दोपहर तक शारदीय नवरात्रि पर घटस्थापना मुहूर्त 3 अक्टूबर को सुबह 6 बजकर 15 मिनट से लेकर सुबह 7 बजकर 22 मिनट तक है, जबकि अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 46 मिनट से दोपहर 12 बजकर 33 मिनट तक है। इन दोनों शुभ योग समय में घटस्थापना कर देवी मां की पूजा का विधान शुरू किया जा सकता है।

महालया कल, धरती पर देवी मां का आगमन होगा मान्यता है कि मां दुर्गा का आगमन नवरात्र से एक दिन पहले अर्थात पितृ पक्ष के अंतिम श्राद्ध के दिन होता है, जिसे महालया कहा गया है। यह दिन मां दुर्गा के धरती पर आगमन का होता है। इसी दिन देवी दुर्गा अपनी मायके (पृथ्वी) की ओर यात्रा प्रारंभ करती हैं, जिसे दुर्गा पूजा की शुरुआत का प्रतीक माना जाता है। इस साल पितृ पक्ष का आखिरी दिन 2 अक्टूबर को है। इसलिए महालया 2 अक्टूबर को ही है। इसे महालया अमावस्या या सर्व पितृ अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है।

केदारनाथ मंदिर के स्वरूप में नजर आएगा पूजा पंडाल दुर्गा पूजा उत्सव समिति अमरैय्यापारा इस बार 31वें वर्ष पूजा पंडाल स्थापित कर देवी मां की आराधना की तैयारी कर ली है। शिवनारायण साहू के निर्देशन में कोलकाता के कारीगरों द्वारा दुर्गा पूजा उत्सव समिति अमरैय्यापारा के 31वें वर्ष के उपलक्ष्य में पंडाल को केदारनाथ मंदिर का स्वरूप दिया जा रहा है। समिति के अध्यक्ष उदय कुमार सिंह व सचिव प्रणव डे ने बताया कि सांस्कृतिक कार्यक्रम में नवमी को 11 अक्टूबर को देवी जागरण विजय बहादुर सिंह व टीम द्वारा प्रस्तुत किया जाएगा।

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