संसद में NEET को लेकर हंगामा:राहुल गांधी ने एजुकेशन सिस्टम को बकवास बताया, शिक्षा मंत्री बोले- हमारी सरकार रिमोट से नहीं चलती

मानसून सत्र आज से शुरू हो गया। लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान NEET में हुई गड़बड़ी पर बोल रहे थे। इस दौरान विपक्ष ने हंगामा किया और उनके इस्तीफे की मांग की।
शिक्षा मंत्री बोले- मामला सुप्रीम कोर्ट में है और कोर्ट का जो भी निर्देश होगा हम उसे मानेंगे। कोर्ट ने सभी छात्रों के सिटी और सेंटर वाइज रिजल्ट जारी करने को कहा था, जो पब्लिक डोमेन में है।
राहुल गांधी ने कहा- देश को दिख रहा है कि परीक्षा सिस्टम में बहुत सी कमी है। शिक्षा मंत्री ने सबकी कमी गिना दी, लेकिन अपनी नहीं गिनाई। हमारा एग्जाम सिस्टम बकवास है।
इस पर शिक्षा मंत्री ने कहा- सिर्फ चिल्लाने से झूठ सच नहीं हो जाता। विपक्ष के नेता का यह कहना कि देश की परीक्षा प्रणाली बकवास है, बेहद निंदनीय है। लोगों को पता है कि कांग्रेस ने कैसे सरकारें चलाई हैं। हमारी सरकार रिमोट से नहीं चलती।
सत्र 12 अगस्त तक चलेगा
संसद का मानसून सत्र 12 अगस्त तक चलेगा। सत्र के 22 दिनों में 19 बैठकें होंगी। आज केंद्र सरकार इकोनॉमिक सर्वे पेश करेगी। कल यानी 23 जुलाई को आम बजट आएगा। इसके बाद 6 नए बिल पेश किए जाएंगे। जम्मू-कश्मीर का बजट भी इसी सत्र में पेश होगा।
NEET परीक्षा को लेकर संसद में जोरदार हंगामा हुआ। प्रश्नकाल के दौरान शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान NEET पर विपक्ष के सांसदों का जवाब दे रहे थे। इस बीच उनके जवाब पर कई बार हंगामा हुआ। राहुल गांधी, अखिलेश यादव ने NEET पर सवाल किए।
आशा है लोकतंत्र के मंदिर में जनता की आशाओं को पूरा करने के लिए उपयोग होगा
हमारे सभी माननीय सांसद चर्चा को समृद्ध करेंगे। कितने भी विरुद्ध विचार होंगे। विरुद्ध विचार बुरे नहीं होते, नकारात्मक विचार बुरे होते हैं। देश को प्रगति की विचारधारा की जरूरत है। मैं आशा करता हूं कि हम लोकतंत्र के इस मंदिर का देशवासियों की आशाओं को पूरा करने के लिए उपयोग करेंगे।
मैं सभी दलों से कहता हूं, जो सांसद पहली बार सदन में आए हैं, उन्हें बोलने का मौका दीजिए। आपने देखा होगा संसद के नई संसद गठन होने के बाद जो पहला सत्र 140 करोड़ देशवासयों ने जिस सरकार को बहुमत के साथ काम करने का हुकुम दिया, उसकी आवाज दबाने का काम किया। देश के प्रधानमंत्री का गला घोंटने का प्रयास किया, उनकी आवाज रोकने का काम किया, इसका उन्हें कोई दुख नहीं है। देशवासियों ने हमें यहां देश के लिए भेजा है। दल के लिए नहीं देश के लिए
नकारात्मक राजनीति ने देश की संसद का महत्वपूर्ण समय बर्बाद किया
मुझे आज बहुत दुख के साथ कहना है- कुछ सांसद 5 साल के लिए आए। कुछ को 10 साल का मौका मिला। कई को अपने क्षेत्र की बात करने का मौका नहीं मिला। क्योंकि कुछ दलों की नकारात्मक राजनीति ने देश की संसद के महत्वपूर्ण समय को अपनी विफलताएं ढांकने के लिए दुरुपयोग किया।
देश को समर्पित होकर संसद का उपयोग करें
सभी दलों से कहूंगा, आने वाले 4-साढ़े चार साल देश को समर्पित होकर संसद का उपयोग करें। जनवरी 2029 जब चुनाव का वर्ष होगा, तब जाइये मैदान में। उस छह महीने जो खेल खेलना है खेल लीजिए। तब तक सिर्फ देश, गरीब, किसान, युवा और महिलाओं के लिए जनभागीदारी का जनआंदोलन खड़ा करें।