छत्तीसगढ़ में बड़ी लापरवाही..रेलवे ट्रैक पर ई-क्लिप पड़ी मिली:ये पटरी को कंक्रीट-प्लेट से जोड़ती है, सपोर्ट-हुक टाइट पट्टियां भी गायब; DCM बोले-जांच कराएंगे
यूपी के सहारनपुर में दिल्ली-सहारनपुर पैसेंजर ट्रेन शंटिंग के दौरान पटरी से उतर गई। जांच के दौरान पता चला कि, शंटिंग के दौरान ट्रैक के कांटे को चेक नहीं किया गया।
21 जुलाई, 2024 : राजस्थान के अलवर स्टेशन से करीब 1.5 KM दूर मालगाड़ी के 3 वैगन पटरी से उतर गए। यह घटना यार्ड से फर्टिलाइजर खाली करके निकलने के करीब 2 मिनट बाद ही हो गई। मामले की जांच अभी जारी है।
11 जुलाई, 2024 : छत्तीसगढ़ के रायगढ़ में मालगाड़ी की दो बोगियां पटरी से उतर गईं। बिलासपुर रेल मार्ग के किरोड़ीमल नगर रेलवे स्टेशन के पास यह घटना हुई। मामले की जांच अभी जारी है।
ये सिर्फ 3 मामले हैं, जो पिछले 30 दिन से भी कम समय में हुए हैं। ज्यादातर में ट्रेनें डिरेल हुई हैं। देश में लगातार ट्रेन हादसे बढ़ रहे हैं। इनके बीच छत्तीसगढ़ में रेलवे की बड़ी लापरवाही सामने आई है। रेलवे ट्रैक से दर्जनों की संख्या में ई-क्लिप निकली मिली है।
रायपुर-दुर्ग रूट पर क्लिप, हुक, पटि्टयां तक गायब
रायपुर-दुर्ग रूट पर भास्कर रिपोर्टर को सुपेला में रेलवे ट्रैक पर दर्जनों ई-क्लिप पटरी के पास पड़ी मिलीं। कई जगहों पर पटरी के बीच लगने वाली सपोर्ट पट्टी और हुक टाइट करने वाली पट्टियां तक गायब थीं। कुछ इतने ढीले थे कि, उन्हें निकाला जाए तो आसानी से निकल आएंगे। यह स्थिति महज 500 से 700 मीटर की दूरी पर ट्रैक की है।
रेलवे जोन में होने थे 350 निरीक्षण, हुए 169
जानकारी के मुताबिक, प्रदेश के सभी रेलवे जोन में कुल 350 निरीक्षण किए जाने थे। इनमें इस साल अभी तक सिर्फ 169 निरीक्षण ही हुए हैं। इसी तरह फुट इंस्पेक्शन यानी पैदल ट्रैक की जांच भी नहीं की जा रही है। रेलवे ट्रैक के मेंटेनेंस और निरीक्षण का काम रेलवे का परमानेंट स्टाफ देखता है।
रेलवे स्टाफ के पास ट्रैक रिकॉर्डिंग कार (टीआरसी) वाहन होते हैं। जिनसे वो रेलवे ट्रैक की जांच करते हैं। मैनुअल के हिसाब से जिन रूटों पर ज्यादा स्पीड वाली ट्रेनें गुजरती हैं, वहां हर 2 महीने में ट्रैक की जांच करनी होती है।
7 महीने में 7 बड़े ट्रेन हादसे
2024 के शुरुआती 7 महीनों में देश भर में 7 बड़े ट्रेन हादसे हो चुके हैं। इनमें से 4 बार ट्रेन पटरी से उतरी है। इन सभी हादसों में 16 लोगों की मौत और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। पिछले 30 जुलाई को मुंबई-हावड़ा मेल ट्रेन हादसा हुआ था।
यह ट्रेन एक मालगाड़ी से टकरा गई थी, जो पहले से डिरेल थी। आशंका है कि मालगाड़ी के डिरेल होने का कारण भी ई-क्लिप निकलना हो सकता है। पूरी ट्रेन को पटरी पर टिकाए रखने के लिए सबसे अहम पार्ट्स होने के बाद भी रेलवे इस पर गंभीरता से ध्यान नहीं दे रहा है।