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CWC की बैठक में शामिल हुए बघेल

भूपेश-फूलोदेवी की मौजूदगी में राहुल गांधी को विपक्ष का नेता बनाने पर हुई चर्चा

दिल्ली के एक होटल में शनिवार को कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC) की बैठक में राहुल गांधी को लेकर प्रस्ताव पर चर्चा हुई। इस बैठक में छत्तीसगढ़ से पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, कांग्रेस की पूर्व सांसद फूलोदेवी नेताम भी शामिल हुए।

छत्तीसगढ़ कांग्रेस के प्रभारी सचिन पायलट ने चुनावी अनुभव भी बड़े नेताओं से साझा किए। CWC की मीटिंग दिल्ली के अशोका होटल में करीब 3 घंटे चली। राहुल गांधी को लोकसभा में विपक्ष का नेता बनाने के लिए पार्टी सांसदों ने एक प्रस्ताव भी पारित किया। इस पर राहुल ने कहा कि ‘मुझे सोचने का वक्त दीजिए।’ यह पद पिछले 10 साल से खाली है।

10 साल से नेता प्रतिपक्ष का पद खाली

लोकसभा में पिछले 10 साल से नेता प्रतिपक्ष का पद खाली है। 2014 में कांग्रेस को 44 सीटें और 2019 में 52 सीटें मिली थीं। भाजपा के बाद सबसे ज्यादा सीटें कांग्रेस को मिली थीं। फिर भी कांग्रेस को नेता प्रतिपक्ष की कुर्सी नहीं मिली थी।

दरअसल, नेता प्रतिपक्ष के पद के लिए किसी भी पार्टी के पास लोकसभा की कुल सीटों का 10 प्रतिशत सीटें होना चाहिए। यानी 543 सीटों में से कांग्रेस को इसके लिए 54 सांसदों की जरूरत होती है। कांग्रेस ने इस बार अपने दम पर 99 सीटें हासिल की हैं।

2014 में विपक्ष की सबसे बड़ी पार्टी होने के बाद भी उस वक्त पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने नेता प्रतिपक्ष का दर्जा देने से इनकार कर दिया था। पिछली लोकसभा में कांग्रेस का प्रदर्शन थोड़ा बेहतर रहा, लेकिन तब भी 54 सीटें नहीं हुईं। अधीर रंजन चौधरी कांग्रेस के नेता बनाए गए, लेकिन नेता प्रतिपक्ष तब भी कोई नहीं हो सका।

सोनिया को संसदीय दल का नेता चुना गया

CWC के बाद संसद के सेंट्रल हॉल में बैठक हुई। इस बैठक में कोरबा की सांसद ज्योत्सना महंत, छत्तीसगढ़ से राज्यसभा रंजीत रंजन, राजीव शुक्ला भी शामिल हुए। इस बैठक में सोनिया गांधी को कांग्रेस संसदीय दल की नेता चुना गया।

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