ख़बर

ज्येष्ठ मास की पहली एकादशी रविवार को:घर की सुख-समृद्धि की कामना से किया जाता है अपरा एकादशी व्रत, विष्णु जी के साथ करें सूर्य देव की पूजा

कल (रविवार, 2 जून) ज्येष्ठ मास की पहली एकादशी है। इसे अपरा एकादशी कहते हैं, ये व्रत घर-परिवार की सुख-शांति, समृद्धि की कामना से किया जाता है। जानिए अपरा एकादशी व्रत कैसे करें और किन बातों का ध्यान रखें…

ये है एकादशी व्रत की सरल विधि

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, एकादशी व्रत भगवान विष्णु के लिए किया जाता है। एकादशी पर सुबह जल्दी उठें और सूर्य को अर्घ्य चढ़ाने के बाद घर के मंदिर में गणेश जी की पूजा करें।

भगवान गणेश का अभिषेक करें। गणेश जी को जल और पंचामृत चढ़ाएं। हार-फूल और वस्त्रों से श्रृंगार करें। दूर्वा चढ़ाएं। लड्डू का भोग लगाएं। ऊँ गं गणपतयै नम: मंत्र का जप करें। धूप-दीप जलाकर आरती करें।

गणेश पूजन के बाद भगवान विष्णु और महालक्ष्मी की पूजा करें। इनकी प्रतिमाओं पर जल, दूध और पंचामृत चढ़ाएं।

वस्त्र और फूल चढ़ाएं। चंदन से तिलक लगाएं। देवी लक्ष्मी को सुहाग का सामान जैसे लाल चूड़ी, चुनरी, कुमकुम आदि चढ़ाएं। मिठाई का भोग तुलसी के पत्तों के साथ लगाएं।

ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जप करते हुए धूप-दीप जलाएं और आरती करें। पूजा में विष्णु जी का ध्यान करते हुए एकादशी व्रत करने का संकल्प लें।

अपरा एकादशी में दिनभर निराहार रहना चाहिए यानी अन्न का त्याग करें। जो लोग भूख सहन नहीं कर पाते हैं, वे फल, फलों के रस का और दूध का सेवन कर सकते हैं।

शाम को भी महालक्ष्मी और विष्णु जी की पूजा करें। अगले दिन यानी द्वादशी पर सुबह जल्दी उठें। भगवान की पूजा करें और किसी जरूरतमंद व्यक्ति को भोजन कराएं, दान-पुण्य करें। इसके बाद भक्त भोजन कर सकता है। इस तरह एकादशी व्रत पूरा होता है।

ये सूर्य पूजा की सरल विधि

स्नान के बाद उगते सूर्य को अर्घ्य अर्पित करें। इसके लिए तांबे के लोटे का इस्तेमाल करें और ऊँ सूर्याय नम: मंत्र बोलते हुए सूर्य को जल चढ़ाएं। ध्यान रखें सूर्य को चढ़ाए हुए जल पर हमारे पैर नहीं लगना चाहिए।

अपरा एकादशी से जुड़ी खास बातें

स्कंद पुराण के वैष्णव खंड में सालभर की सभी एकादशियों का महत्व बताया गया है।

भगवान श्रीकृष्ण ने युधिष्ठिर को एकादशी व्रत और इससे मिलने वाले लाभों की जानकारी दी थी।

एक साल में कुल 24 एकादशियां आती हैं और जिस साल में अधिक मास रहता है, तब उस साल में 26 एकादशियां रहती हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button