छत्तीसगढ़

छत्तीसगढ़ में पीएम आवास योजना

सरगुजा जिले के मैनपाट ब्लॉक में पीएम आवास योजना में 3.5 करोड़ रुपए से ज्यादा की हेराफेरी की गई है। साल 2016 से 2023 तक स्वीकृत आवासों की राशि में यह गड़बड़ी सामने आई है। अब तक मैनपाट में 7500 पीएम आवास स्वीकृत हुए हैं। इनमें करीब 600 से ज्यादा हितग्राहियों की राशि दूसरों के खाते में ट्रांसफर कर दी गई।

इस गड़बड़ी में जनपद पंचायत के कर्मचारी शामिल हैं। जनपद कर्मचारियों के रिश्तेदारों के खाते में भी राशि ट्रांसफर हुई है। सीतापुर विधायक रामकुमार टोप्पो को इसकी जानकारी मिली, तो उन्होंने इसकी जांच कराने के लिए कहा।

शुरुआती जांच में मिली गड़बड़ी

सरगुजा कलेक्टर विलास भोस्कर ने सीतापुर एसडीएम रवि राही की अध्यक्षता में 3 सदस्यीय समिति बनाकर जांच शुरू करा दी है। शुरुआती जांच में करीब 20 हितग्राहियों की राशि दूसरों के खाते में ट्रांसफर करना पाया गया है। एसडीएम ने बताया कि, कितने हितग्राहियों की राशि में गड़बड़ी की गई है, यह जांच पूरी होने के बाद ही बता पाएंगे।

साल 2016 से शुरू हुई थी गड़बड़ी

अधूरे आवास की जांच में हुआ खुलासा

प्रदेश में बीजेपी की सरकार आने के बाद अधूरे आवासों की जांच शुरू हुई, तो गड़बड़ी का खुलासा हुआ। हितग्राहियों ने बताया कि उन्हें राशि नहीं मिली है। इस कारण आवास अधूरे हैं, जबकि रिकॉर्ड के अनुसार उन्हें पूरी राशि दी जा चुकी है। कुछ हितग्राहियों ने अपना पैसा लगाकर काम कराया।

यह गड़बड़ी 600 से ज्यादा हितग्राहियों के साथ हुई है। जनपद पंचायत के एक कर्मचारी के रिश्तेदारों के खाते में कई हितग्राहियों का पैसा गया है। एक कर्मचारी ने अपने रिश्तेदारों के खातों में राशि भेजकर अपने खाते में भी ऑनलाइन पैसा जमा कर लिया है। यह गड़बड़ी 3.5 करोड़ या इससे भी ज्यादा की हो सकती है।

पीएम आवास योजना के तहत हितग्राहियों का 1.30 लाख रुपए की स्वीकृति दी जाती है। साल 2016 में जनपद से कुछ हितग्राहियों की राशि दूसरे खातों में ट्रांसफर करना शुरू किया गया। साल 2018 में प्रदेश में कांग्रेस के की सरकार आने के बाद पीएम आवास योजना का काम ठप हो गया।

पीएम आवास योजना के हितग्राहियों की राशि उनके खाते में नहीं गई तो हितग्राहियों ने यह सोच लिया कि उन्हें सरकार से राशि ही नहीं मिली है। जबकि उनकी जगह दूसरे व्यक्ति का बैंक अकाउंट नंबर डालकर पैसा ट्रांसफर कर लिया गया।

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